दम तोड़ती कलियासोत: नदी से सटा फार्म हाउस, बड़ा सवाल- ग्रीन बेल्ट कहां चला गया?

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दम तोड़ती कलियासोत: नदी से सटा फार्म हाउस, बड़ा सवाल- ग्रीन बेल्ट कहां चला गया?

राहुल शर्मा । भोपाल. राजधानी भोपाल (Bhopal) की इकलौती नदी कलियासोत (Kaliyashot) के किनारे की जमीन हड़पने के लिए किसने क्या पैंतरे अपनाए, द सूत्र इन सबकी पड़ताल कर रहा है। कोलार क्षेत्र (Kolar Area) में बनी विराशा हाइट्स से सटकर नदी (Kolar River) की ओर एक फार्म हाउस है। ये पूरा ही ग्रीन बेल्ट (Green Belt) पर ही बनाया गया है। फार्म हाउस का गेट हमेशा लगा रहता है। फार्म हाउस पर मौजूद कर्मचारी काफी इंक्वायरी करते हैं। जवाब से संतुष्ट होने पर ही एंट्री मिलती है। ये फार्म हाउस किसी ओर का नहीं, बल्कि एक्सटॉल कॉलेज (Extol College) के डायरेक्टर ज्ञान भटनागर का है। स्कूल कॉलेज को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है। इस मंदिर में स्टूडेंट्स को नैतिक मूल्यों की सीख दी जाती है, पर शिक्षा के मंदिर के पुजारी ही ऐसी काली करतूत करने लगे तो वो समाज को क्या मैसेज दे रहे होंगे, यह समझना मुश्किल नहीं।

यदि फार्म हाउस ग्रीन बेल्ट में नहीं तो ग्रीन बेल्ट गया कहां?

द सूत्र ने ज्ञान भटनागर से इस संबंध में चर्चा की तो उन्होंने कहा कि उनका फार्म हाउस ग्रीन बेल्ट में नहीं है, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने इसकी नपाई कर ली है। द सूत्र को एक सूत्र से यह भी जानकारी मिली कि भटनागर को यह जमीन NGT के उस आदेश के बाद विराशा हाइट्स ने बेची, जब नदी के संरक्षण के लिए ग्रीन बेल्ट को डेवलप करने के लिए कहा गया। डेवलप करने के नाम पर फार्म हाउस ही बना दिया। द सूत्र इस संबंध में भटनागर से सवाल पूछता, इससे पहले ही उन्होंने फोन काट दिया और फिर रिसीव ही नहीं किया। बड़ा सवाल यह है कि यदि फार्म हाउस ग्रीन बेल्ट में नहीं है तो नदी का ग्रीन बेल्ट आखिर गया कहां, क्योंकि फार्म हाउस के बाद तुरंत ही नदी आ जाती है।

किसे सही मानें- पत्थर या फार्म हाउस को

यहां देखने वाली बात यह भी है कि फार्म हाउस के पहले विराशा हाइट्स है, जहां NGT के आदेश के बाद नदी का दायरा बताने वाले पिलर (Pillar) लगे थे। उनके निशान अभी भी यहां मौजूद हैं। यदि फार्म हाउस ग्रीन बेल्ट में नहीं है तो विराशा हाइट्स में ये पत्थर कहां से आए और यदि ये पत्थर विराशा हाइट्स में हैं तो इसका मतलब पूरा फार्म हाउस ही ग्रीन बेल्ट पर कब्जा कर बनाया गया है।

गजब है: नदी की संपत्ति और जाने से पहले इनसे परमिशन जरूरी

आपने एक कहावत सुनी होगी- चोरी ऊपर से सीना जोरी... यह इसका जीता जागता उदाहरण है। एक और तो नदी के ग्रीन बेल्ट पर ही अतिक्रमण (Encroachment) करके फार्म हाउस बना दिया। वहीं, ग्रीन बेल्ट पर जाने के लिए भी अतिक्रमणकारियों से लिखित अनुमति लेना होगी। विराशा हाइट्स से लगकर नदी की ओर जो फार्म हाउस है, उसमें अंदर की ओर दीवाल पर एक सूचना बोर्ड लगा हुआ है। इसमें लिखा है- यह भूमि खसरा क्रमांक 402 और 403/1 सर्वाधिकार मेरे आधिपत्य अधीन क्षेत्र है। इसमें बिना लिखित (Written) अनुमति प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित (Ban) है।

यदि कोई व्यक्ति इसका उल्लंघन करता है या बिना लिखित अनुमति के प्रवेश करता है अथवा जबर्दस्ती प्रवेश करने का प्रयास करता है तो उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उपस्थित गार्ड को यह अधिकार होगा कि ऐसे व्यक्ति को बलपूर्वक बाहर कर सके। इसमें यदि किसी को किसी प्रकार का नुकसान होता है तो इसकी पूरी जवाबदारी उसकी खुद की होगी। यह आदेश एमएच यदुवंशी के नाम से है, लेकिन एमएच मैच यदुवंशी कौन हैं, इसकी जानकारी नहीं दी गई। हम पहले ही बता चुके हैं कि फार्म हाउस ज्ञान भटनागर का है। 

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