GWALIOR : हार के किरदार की शिनाख्त करने कमलनाथ ने दल ग्वालियर भेजा,बोले तह तक करेंगे जाँच

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Dev Shrimali
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GWALIOR : हार के किरदार की शिनाख्त करने कमलनाथ ने दल ग्वालियर भेजा,बोले तह तक करेंगे जाँच

GWALIOR. कांग्रेस ग्वालियर नगर निगम में 57 वर्ष बाद मेयर पद पर बीजेपी को हराकर काबिज होने से मिली खुशी से ज्यादा इस बात से दुखी है कि बीजेपी को लगातार दूसरी बार झटका देने से वह अपने ही लोगों से वंचित रह गयी। उसका सभापति महज एक वोट के अंतर से हार गई जबकि उन्होंने बीजेपी के तीन पार्षदों से क्रॉस वोटिंग करवा ली लेकिन उसके खुद के वोट दगल देकर क्रॉस वोटिंग कर बैठे। इससे ग्वालियर से ज्यादा भोपाल में नेता हिल गए । कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ ने इस मामले  लेकर विस्तृत जांच कराने का काम शुरू कर दिया है।




जांच समिति ग्वालियर पहुंची



 ग्वालियर में नगर निगम सभापति के चुनाव में कांग्रेस पार्षद दल में क्रॉस वोटिंग की शिकायत की जांच के लिए दो सदस्यीय समिति आ गयी है। समिति में पूर्व मंत्री मुकेश नायक ओर महेंद्र सिंह चौहान शामिल हैं। दोनों पदाधिकारियों ने कांग्रेस कार्यालय पहुंचकर कांग्रेस, बसपा व कांग्रेस समर्थक निर्दलीय पार्षदों की बैठक ली। इसके बाद समिति पदाधिकारियों ने होटल में भी विधायक पदाधिकारियों ने मुलाकात की। क्रॉस वोटिंग की जांच के दौरान 31 पार्षद बैठक में शामिल हुए। बैठक में अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा, विधायक डॉ. सतीश सिकरवार व सुनील शर्मा भी मौजूद थे।



मंदिर पर कसम खाने तक पहुंची नौबत

सूत्रों के अनुसार बैठक के दौरान क्रॉस वोटिंग के मुद्दे पर बात शुरू होने पर पार्षद सरोज हेवरन कंषाना ने उठकर कहा कि आरोप झूठा है। वह बच्चे के साथ गिरगांव महादेव मंदिर पर कसम खाने को तैयार हैं। इसके बाद सभी पार्षदों ने गिरगांव महादेव मंदिर पर चलने के लिए हामी भरी। इस दौरान दूसरे संदेही पार्षद ने अपनी ओर से कोई बात नहीं कही, सभी के साथ सहमति दी। बाद में समिति सदस्यों के होटल पहुंचने पर विधायक प्रवीण पाठक, सिकरवार व सुनील शर्मा उनसे मुलाकात करने पहुंचे। जांच के लिए महेंद्र चौहान दो दिन रुकेंगे। महेंद्र सिंह ने कहा है... पूर्व में भी कांग्रेस में ऐसे ही लोगों के कारण सरकार गिर चुकी है, अब अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कमलनाथ ही स्वयं इस मामले की निगरानी कर रहे हैं और  क्रॉस वोटिंग की तह तक जाने के निर्देश दिए गए हैं।



सिर्फ एक वोट से हार गई कांग्रेस



57 वर्ष बाद मेयर पद पर मिली अप्रत्याशित जीत से उत्साहित कांग्रेस ने सभापति पद पर भी कब्जे की शानदार रणनीति बनाई थी । चुनाव में मेयर पद पर कांग्रेस भले ही जीती थी जबकि परिषद में बहुमत बीजेपी को ही मिला है। ग्वालियर नगर निगम में कुल 66 वार्ड हैं जिनमे से 34 पर बीजेपी प्रत्याशी जीते है और 25 पर कांग्रेसी। एक बसपा और छह निर्दलीय जीते है। बहुमत के बावजूद बीजेपी इतनी भयभीत थीं कि वह अपने पार्षदों को यहां से हरियाणा ले गए और वहां चुनाव के मौके तक वहीं रोककर रखा गया। उनकी केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से भेंट कराई गई । इनके साथ कुल 37 पार्षद थे । लेकिन इनमे से चार ने क्रॉस वोटिंग करके कांग्रेस प्रत्याशी को वोट दे दिया। लेकिन कांग्रेस के दो वोट ने बीजेपी के पक्ष में वोटिंग कर खेल बिगाड़ दिया। बीजेपी के प्रत्याशी मनोज तोमर एक वोट से सभापति निर्वाचित हो गए।


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