भोपाल. पांच राज्यों के चुनावों में मिली हार के बाद एमपी कांग्रेस में लगातार कयासों का दौर चल रहा है। बड़े नेताओं की सोनिया गांधी से मुलाकात हो रही है। इसी बीच कमलनाथ ने 4 अप्रैल को एमपी के बड़े नेताओं की बैठक बुलाई है, जिसमें वो सभी चेहरे शामिल रहेंगे, जो कहीं ना कहीं अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। इस बैठक से पहले कमलनाथ ने एक बड़ा बयान दे दिया है, जिससे अब कई तरह के कयास लग रहे हैं कि क्या बैठक में कोई बड़ा फैसला हो सकता है।
मैंने कभी नहीं मांगा पद: महंगाई मुक्त भारत अभियान का आगाज करने के बाद जब कमलनाथ मीडिया से मुखातिब हुए तो उनसे दो पदों पर बने रहने का सवाल किया गया। कमलनाथ ने जवाब दिया कि 2018 में भी उन्होंने अध्यक्ष पद नहीं मांगा था। साथ ही कहा कि जैसा फैसला होगा ठीक होगा।
4 अप्रैल की बैठक इसलिए खास: अब कमलनाथ कौन से फैसले की बात कर रहे हैं। इस पर कांग्रेस के अंदरखाने में चर्चाएं शुरू हो गई हैं। चर्चाएं इसलिए भी हो रही है क्योंकि 4 अप्रैल को कमलनाथ दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी, अजय सिंह, अरुण यादव सहित सभी बड़े नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। इसी दिन कमलनाथ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और अपनी सरकार में रहे मंत्रियों से भी मुलाकात करेंगे। बैठक का एजेंडा सीक्रेट है, लेकिन माना जा रहा है कि पांच राज्यों में कांग्रेस को मिली हार के बाद एमपी में इसे एकजुट होने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है। हाल ही में अरुण यादव और अजय सिंह की सोनिया से मुलाकात के बाद ये बैठक अहम है। हालांकि इन मुलाकातों पर कांग्रेस के प्रदेश मीडिया विभाग के अध्यक्ष जीतू पटवारी का कहना है कि सभी नेता कांग्रेस की बेहतरी के लिए मुलाकात कर रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष पद को लेकर हो सकती है बातचीत: इस बैठक में ये भी कहा जा रहा है कि नेता प्रतिपक्ष को लेकर भी बातचीत हो सकती है। इस समय कांग्रेस के जो हालात हैं, उसमें ये भी कहा जा रहा है कि कमलनाथ केंद्रीय संगठन में भी सक्रिय हो सकते हैं। बहरहाल पांच राज्यों के चुनावों में हार के बाद जो हालात बने हैं। उसे देखते हुए कांग्रेस खेमे में इस महीने उलटफेर नजर आ सकता है।