BHOPAL. कल यानी 13 अक्टूबर को करवा चौथ है। इस दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए दिनभर उपवास करती हैं और शाम को पति के हाथ से व्रत खोलती हैं। करवा चौथ को उत्तर भारत का त्योहार माना जाता है। दक्षिण भारत (आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक) और पूर्वोत्तर के 8 राज्यों में इसका प्रचलन ना के बराबर है।ॉ
कहां कैसे मनाया जाता है करवाचौथ
दिल्ली में करवाचौथ मनाने का तरीका
देश का दिल यानी दिल्ली अपनी चकाचौंध के लिए जाना जाता है। यहां के लोग हर चीज़ में कुछ अनोखी चीज़ जोड़ने की कोशिश करते हैं, फिर चाहे वो करवा चौथ पर सोने की पूजा की थाली हो, चांदी के सिक्के या पीतल के दीयों का उपयोग हो। इस त्योहार पर हर महिला चाहती है कि उसकी हर एक चीज़ बेहद यूनीक हो। और तो और इस दिन कपल्स डिनर के लिए बाहर जरूर जाते हैं, जो कि यहां एक ट्रेंड भी बन चुका है।
मुंबई में ऐसे मनाया जाता है करवाचौथ
दिल्ली की तरह ही यहां भी फेस्टिवल्स काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि महाराष्ट्र का करवा चौथ मनाने का अपना कोई तरीका नहीं है। यहां के लोग गोल्ड से काफी प्यार करते हैं, इस वजह से उनकी थाली भी गोल्ड की चीजों से सजी होती है। इस दिन गिफ्ट भी गोल्ड के दिए जाते हैं।
राजस्थान में ऐसे मनाया जाता है करवाचौथ
राजस्थान अपनी पारंपरिक कला और सुंदरता के लिए बेहद प्रसिद्ध है। राजस्थान में इस्तेमाल किया जाने वाला स्टाइल किसी से छुपा नहीं है, यहां के स्टाइल के लोग काफी दीवाने हैं। वो अपने स्टाइल में कई तरह के चमचमाते रंग शामिल करते हैं जैसे सतरंगी, लाल और हरा, और यही रंग पूजा थाली और अन्य चीजों में भी शामिल किये जाते हैं।
पंजाब में करवाचौथ को लेकर रहता है उत्साह
दिल्ली शहर से ज्यादा दूर नहीं है पंजाब राज्य। दिल्ली में रहने वाली एक बड़ी पंजाबी आबादी के परिणामस्वरूप राजधानी और पंजाब के बीच बहुत सी सांस्कृतिक समानताएं मौजूद हैं। लेकिन एक बहुत बड़ा अंतर है और वो है यहां का खाना। पंजाब में खाना हमेशा सबसे बड़ी प्राथमिकता रहती है। अब आप अंदाजा लगा सकते हैं, उपवास टूटने के बाद यहां 36 भोग वाले खाने कितने स्वादिष्ट लगते होंगे।
उत्तर भारत में करवाचौथ का खास महत्व
करवा चौथ मुख्य रूप से उत्तर भारत में मनाया जाने वाला त्योहार है। लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो उत्तर से दक्षिण की ओर पलायन कर चुके हैं। विशेष रूप से, केरल जिसमें बहुत से लोग हैं जो उत्तर से वहां स्थानांतरित हुए हैं। इसका मतलब यह है कि त्योहार एक अल्पसंख्यक समुदाय भी मनाता है। यहां भी त्योहार खूब जोरो शोरों के साथ मनाया जाता है।
दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर के राज्यों में कम प्रचलन
दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर के राज्यों में करवाचौथ का कम प्रचलन है। यहां पर बाहर से पहुंचे लोग से करवाचौथ को महत्व देते हैं। दक्षिण और पूर्वोत्तर भारत के लोग इस त्यौहार पर ज्यादा रूचि नहीं दिखाते हैं। तमिलनाडु राज्यों में दिवाली जैसे बड़े त्यौहारों को छोड़कर वहां के लोग पोंगल, ओणम को खास तौर पर मनाते हैं। पोंगल का का त्यौहार सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का स्वागत कुछ अलग ही अंदाज में किया जाता है। सूर्य को अन्न धन का दाता मान कर चार दिनों तक उत्सव मानाया जाता है। ओणम का त्योहार मुख्य रूप से केरल में मनाते हैं, लेकिन इसकी धूम पूरे दक्षिण भारत में होती है। 10 दिनों तक चलने वाला त्योहार खासतौर पर खेतों में फसल की अच्छी उपज के लिए मनाया जाता है।
करवाचौथ पर भेजे जाने वाले मैसेज
गम को दिल से आजाद करना
बस एक गुजारिश है आपसे,
जिंदगीभर मुझे ऐसे ही प्यार करना।
करवा चौथ की शुभकामनाएं !
माथे की बिंदिया चमकती रहे,
हाथों में चूड़ियां खनकती रहे,
पैरों की पायल खनकती रहे,
पिया संग प्रेम बेला सजती रहे।
करवा चौथ की शुभकामनाएं!
मेहंदी लगी हैं मेरे हाथों पर
और माथे पर सिंदूर लगाया है,
पिया आ जाओ पास मेरे
देख चांद भी निकल आया है।
करवा चौथ की शुभकामनाएं!
आज फिर आया है मौसम प्यार का,
ना जाने कब होगा चांद का दीदार,
पिया मिलन की रात है ऐसी आई ,
आज फिर से निखरेगा रूप मेरे यार का।
करवा चौथ की शुभकामनाएं!