भोजपुर में कुमार विश्वास ने संस्कृति विभाग को लताड़ा, बोले- टेंडर में कुछ हुआ हो

author-image
Aashish Vishwakarma
एडिट
New Update
भोजपुर में कुमार विश्वास ने संस्कृति विभाग को लताड़ा, बोले- टेंडर में कुछ हुआ हो

अंबुज माहेश्वरी, रायसेन. 3 मार्च को भोजपुर में संस्कृति विभाग ने कवि सम्मेलन कराया। इसमें प्रसिद्ध कवि डॉ. कुमार विश्वास शामिल हुए। खराब व्यवस्थाओं की वजह से कुमार विश्वास मंच पर भड़क गए। उन्होंने मंच से संस्कृति विभाग को लताड़ लगाई। उन्होंने कहा कि चाहे हमें पैसा न दें। कम से कम अच्छी व्यवस्था कराए। कुमार विश्वास यही नहीं रुके। उन्होंने मंच से कार्यक्रम में घोटाले की आशंका जाहिर की। उन्होंने कहा कि हो सकता है टेंडर में भी कुछ हुआ हो। कार्यक्रम में कुमार विश्वास के अलावा कवियत्री शिखा दीप्ति, शंभू शिखर, मदनमोहन समर और संदीप शर्मा शामिल हुए। 




— TheSootr (@TheSootr) March 3, 2022



ये है मामला: कुमार विश्वास मंच पर अपनी कविताएं पढ़ने के लिए गए। लेकिन माइक की वजह से उनकी आवाज लोगों तक नहीं पहुंच रही थी। इस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि कवि सम्मेलन को ऐसा बनाइए कि लगे कि कोई महोत्सव है। केवल संस्कृति विभाग के अनुदान देने से कुछ नहीं होता है। संस्कृति विभाग बहुत अच्छी व्यवस्थाएं करता था। लेकिन माइक की जिसने भी व्यवस्था की है, इस पर मेरा ऑब्जेक्शन है। इसका बाकायदा एक ईको सिस्टम होता है। इसका फ्रीक्वेंसी होती है कि कैसे आवाज दूर तक जाएगी। मंच पर ये सब व्यवस्था सही नहीं है। हो सकता है कि टेंडर में कुछ हुआ है। 



इशारों-इशारों में सरकार को आगाह किया: कुमार विश्वास ने कहा कि हमने उनके बंद करा दिए। जिनकी केंद्र में 10 साल सरकार थी, तुम तो छोटे हो। अगली बार अगर समस्या हो तो हमें पैसा न दें। कम से कम अच्छी व्यवस्था कराए, मुझे मेरी आवाज सुनाई नहीं दे रही, मॉनिटर नहीं चल रहे। इसे अच्छा बनाओ। पहली बार भोजपुर आया हूं। वैसे सरकारी कार्यक्रम करता नहीं हूं, क्योंकि सरकारों की इतनी औकात नहीं होती कि वो सच सुन सके। जब इस कार्यक्रम के लिए विधायक और संस्कृति मंत्रालय ने फोन किया। मेरे दोस्त गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने फोन किया। मैंने उनसे कहा कि मैं सरकारी कार्यक्रम में जाता नहीं हूं। तब उन्होंने कहा कि आप जहां जा रहे हैं, वहां कि मान्यता सोमनाथ जैसी है।  


Bhopal Culture Department संस्कृति विभाग Kumar Vishwas कुमार विश्वास poetry Kavi Sammelan bhojpur tender scame कवि