खंडवा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) 27 नवंबर को खंडवा (Khandwa) आ रहे हैं। सीएम यहां से स्वतंत्रता आंदोलन (Freedom Movement) के क्रांतिकारी जननायक टंट्या मामा (Tantya Bhil) की जन्मस्थली बड़ौदा अहीर से गौरव कलश यात्रा का शुभारंभ करेंगे। मध्य प्रदेश के जनजाति समुदाय का सम्मान बढ़ाने और जनजाति क्रांतिकारियों के स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान को जन-जन तक पहुंचाने के लिए यह यात्रा निकाली जा रही है। यह यात्रा मालवा और निमाड़ के अनेक जिलों से होते हुए 4 दिसंबर को पातालपानी पहुंचेगी। जहां मुख्यमंत्री यात्रा के समापन पर विशाल जनसभा को संबोधित कर करेंगे।
टंट्या भील कौन थे
टंट्या भील का जन्म खंडवा जिले की पंधाना तहसील के बड़ौदा-अहीर गांव में हुआ था। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान उन्होंने अंग्रेजों से लोहा लिया। टंट्या का संबंध भील जनजाति से है। प्यार से लोग उन्हें मामा कहते थे। मामा अंग्रेजों के धन को लूटा करते थे। लूटे हुए धन को वे गरीबों में बांट देते थे। जब वह अंग्रेजों के हाथों पकड़े गए, तब उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई थी। इंदौर के पातालपानी क्षेत्र में उन्हें अंग्रेजों द्वारा फांसी पर लटका दिया गया था।
क्या आयोजन है
देश की आजादी के लिए चले स्वतंत्रता आंदोलन में जनजाति समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए ही यह जनजाति गौरव यात्रा निकाली जा रही है। मुख्यमंत्री टंट्या मामा की जन्मस्थली की मिट्टी को कलश में भरकर यात्रा का शुभारंभ करेंगे। टंट्या मामा की यात्रा में यह मिट्टी तीन अलग-अलग जगहों से इकट्ठी की जाएगी। यात्रा खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी, धार, झाबुआ और अलीराजपुर होते हुए इंदौर के पातालपानी पहुंचेगी। 4 दिसंबर को यात्रा के समापन पर पातालपानी में एक भव्य समारोह आयोजित किया जाएगा।