खंडवा. यहां के एक युवक से आयकर विभाग ने 300 करोड़ रुपए के लेन-देन का हिसाब मांगा है। नोटिस जारी कर 15 मार्च को जवाब तलब किया गया है। युवक का कहना है कि मेरे साथ धोखधड़ी हुई है। मेरे दस्तावेजों से फर्जी बैंक अकाउंट खोला गया है।
यह है पूरा मामला: खंडवा जिले के देशगांव में रहने वाले प्रवीण राठौर को जब नोटिस मिला तो पहले वे कुछ समझ नहीं सके। इसे लेकर वे एक वकील के पास गए, जिसने जब माजरा समझाया तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। उन्होंने इसे लेकर पुलिस के आला अधिकारियों तक शिकायत की है। नोटिस में कहा गया है कि उनके मुंबई स्थित एक्सिस बैंक अकाउंट से तीन सौ करोड़ के लेन-देन हुआ है, जिसका ब्योरा दिया जाए। साथ ही अपने कारोबार, आय रिटर्न की जानकारी भी दी जाए। इसके लिए उन्हें 15 मार्च को बुलाया गया है। जबकि युवक का कहना है कि मामूली नौकरी करने वाला 300 करोड़ का ट्रांजैक्शन कैसे करेगा। वहीं प्रवीण ने एक्सिस में कोई अकाउंट होने से भी इनकार किया है। युवक ने इंदौर कमिश्नर और खंडवा एसपी से मदद मांगी है।
आयकर विभाग ने युवक को तीसरी बार नोटिस भेजा: जिन खातों से अरबों का लेन-देन हुआ है, वो खाते युवक के दस्तावेज के आधार पर खोले गए थे। छह माह तक इन खातों में अरबों के ट्रांजैक्शन किए गए। बाद में खाते बंद भी हो गए। आयकर विभाग युवक को दो नोटिस भेज चुका है। प्रवीण ने बताया कि वो 2011 से 2015 तक इंदौर के कॉल सेंटर में काम करता था। इसके बाद जॉब छोड़कर निजी कंपनी में कम्प्यूटर ऑपरेटर की नौकरी कर रहा है। उसकी तनखाह भी मामूली है, जो इनकम टैक्स के दायरे में भी नहीं आती। पिछले साल अप्रैल में आयकर विभाग खंडवा द्वारा उन्हें नोटिस जारी किया गया था, जिसमें उन्हें एक्सिस बैंक के खातों में 300 करोड़ रुपए के लेन-देन का जवाब मांगा था। दूसरा नोटिस नवंबर 2021 में जारी हुआ है। तीसरा नोटिस फरवरी में मिला है। युवक ने 25 फरवरी को पुलिस में आवेदन दिया है।
मुंबई में खोले गए थे खाते: प्रवीण राठौर ने बताया कि इंदौर में कॉल सेंटर की नौकरी के दौरान उसने अपने दस्तावेज दिए थे। इस दौरान पेन कार्ड भी अनिवार्य रूप से मांगा गया था। आयकर विभाग से मिले नोटिस के अनुसार वर्ष 2013 में एक्सिस बैंक की दो अलग-अलग ब्रांच में मुंबई के रोमित इंटरप्राइजेस के नाम से दो खाते खुले थे। जिसमें प्रवीण का पेनकार्ड दर्शाया गया है। इन खातों में छह माह तक करीब 2.90 अरब 45 लाख रुपए का लेन देन हुआ है। 28 जून और 27 जुलाई 2013 को अंधेरी वेस्ट की ब्रांच में खुले खाते दिसंबर 2013 में बंद हो गए थे। ये खाते किसने खुलवाए थे, उनके दस्तावेज खाता खुलवाने वाले के पास कैसे चले गए, ये उनकी जानकारी में नहीं है।