सीजीएचएस और आयुष्मान योजना की दम पर चल रहा था किडनी अस्पताल, अस्पताल की सीजीएचएस मान्यता हुई रद्द

author-image
Rajeev Upadhyay
एडिट
New Update
सीजीएचएस और आयुष्मान योजना की दम पर चल रहा था किडनी अस्पताल, अस्पताल की सीजीएचएस मान्यता हुई रद्द

Jabalpur. जबलपुर के राइट टाउन इलाके में स्थित सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल में लंबे समय से चल रहे आयुष्मान योजना के फर्जीवाड़े में परत दर परत खुलासे हो रहे हैं। एसआईटी जांच में जब्त किए गए डाटा को खंगालने के बाद यह खुलासा हुआ है कि अस्पताल में बिना किसी योजना के तहत इलाज करवाने के लिए पहुंचने वाले लोगों की संख्या बेहद कम है। बीते डेढ़ दो सालों से यह अस्पताल महज सीजीएचएस और आयुष्मान योजना के मरीजों की दम पर ही चल रहा था। जिनके इलाज के नाम पर फर्जीवाड़े का पूरा खेल खेला गया। बता दें कि आयुष्मान योजना के फर्जीवाड़े के लिए बदनाम हो चुके इस अस्पताल के संचालक डॉ अश्वनी पाठक उनकी पत्नी डॉ दुहिता पाठक और एकाउंटेंट जेल की सलाखों के पीछे हैं। 



अस्पताल की सीजीएचएस मान्यता हुई रद्द



जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस अस्पताल का आयुष्मान योजना का पंजीयन पहले ही रद्द किया जा चुका है। अब केंद्र सरकार ने भी कार्रवाई करते हुए अस्पताल की सीजीएचएस मान्यता रद्द कर दी है। इस बाबत सीजीएचएस के अपर निदेशक कार्यालय से सूचना जारी की गई है। जिसके तहत सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल को सीजीएचएस अंतर्गत मान्यता प्राप्त अस्पतालों की सूची से बाहर कर दिया गया है। बता दें कि पुलिस को मिली सूचना के बाद अस्पताल पर 26 अगस्त को छापेमार कार्रवाई की गई थी जिसके बाद यहां चल रहे आयुष्मान योजना के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था। 



दर्जन भर डॉक्टरों को जारी किए गए नोटिस



अस्पताल से जब्त कंप्यूटर डाटा से इस बात का पता चला है कि मरीजों के इलाज के लिए डॉक्टरों को बाहर से बुलाया जाता था। ऐसे करीब 1 दर्जन डॉक्टरों के नाम वाले दस्तावेज मिले हैं। खास बात यह है कि इन डॉक्टरों का अस्पताल से कोई एग्रीमेंट नहीं था और बिना अनुमति उनके नाम का उपयोग कर फर्जीवाड़ा किया जा रहा था। रिकॉर्ड में जिन-जिन डॉक्टरों के नाम मिले हैं उन सभी को पुलिस ने बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस जारी किए हैं। 


Ayushman forgery of Jabalpur अस्पताल की सीजीएचएस मान्यता हुई रद्द सीजीएचएस और आयुष्मान योजना की दम पर चल रहा था किडनी अस्पताल CGHS recognition of the hospital canceled Kidney hospital was running on the basis of CGHS and Ayushman scheme जबलपुर का आयुष्मान फर्जीवाड़ा