इंदौर जिले की कृति कोठारी (Kriti Kothari) ने गृहस्थ जीवन छोड़ने का फैसला लिया है। कृति 27 साल की उम्र में संयास (Sanyas) लेने जा रही है। इंदौर (Indore) के जानकी नगर निवासी कृति ने हायर एजुकेशन में MBA किया हुआ है। साथ ही वह इलेक्ट्रिक उत्पादों का कोराबार चलाती है। कृति को पालीताणा तीर्थ पर आचार्य मणिप्रभ सागर महाराज ने दीक्षा जीवन में प्रवेश की अनुमति प्रदान की है।
पालीताणा तीर्थ से मिली अनुमति
कृति कोठारी डेढ़ सौ से अधिक साधु-साध्वियों की निश्रा में दीक्षा जीवन में प्रवेश करने जा रही हैं। यह दीक्षा समारोह जल्द ही शहर में आयोजित होगा। जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ जानकी नगर के प्रेमचंद कटारिया ने बताया कि सोमवार को पालीताणा तीर्थ में आयोजित समारोह में कृति को दीक्षा देने की अनुमति प्रदान की गई है।
जिम्मेदारियों से दूर होना शुरू किया
कृति के पिता महेंद्र का निधन हो चुका है और बड़ी बहन शादीशुदा है। कृति ने मां पुष्पा कोठारी के साथ साधना का अभ्यास किया। तीन वर्षों के दौरान उन्होंने अध्यात्म जीवन एवं दीक्षा पश्चात कठोर जीवन को समझने एवं सीखने का अभ्यास भी किया है। कृति 2018 में चातुर्मास के दौरान साध्वी विरलप्रभा और विपुलप्रभा के संपर्क में आई। तभी से उन्होंने अपनी जिम्मेदारियां परिवार के अन्य सदस्यों को सौंपनी शुरू कर दी।