ध्वजारोहण के साथ कुंडलपुर महोत्सव का आगाज, घटयात्रा में महिलाओं ने गाये मंगलगीत

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ध्वजारोहण के साथ कुंडलपुर महोत्सव का आगाज, घटयात्रा में महिलाओं ने गाये मंगलगीत

दमोह. मप्र के सबसे बड़े जैन तीर्थ (Jain pilgrimage) कुंडलपुर (Kundalpur) में आज ध्वजारोहण के साथ कुंडलपुर महोत्सव (Kundalpur Festival) की विधिवत शुरुआत हो गई। इस अवसर पर आचार्य विद्यासागर महाराज (Acharya Vidyasagar Maharaj) ने कहा कि यह ऐसा धार्मिक अनुष्ठान है जो कई गुणित फल देने वाला है। आचार्य ने यह भी कहा कि महोत्सव में लाखों लोग विशुद्ध भाव से भगवान की भक्ति करेंगे। यदि दुष्ट व्यक्ति प्रवेश करेगा तो देव उसे खदेड़ देंगे। महोत्सव में पहले दिन देश-विदेश (India and abroad) से लगभग 25 हजार लोग पहुंचे थे।




जैन धर्म का आयोजन

जैन धर्म का आयोजन




कलश यात्रा का आयोजन : कुंडलपुर तलहटी स्थित जैन मंदिर से विशाल घटयात्रा प्रारंभ हुईं। हजारों की तादाद में महिलाएं मंगल कलश सिर पर लेकर मंगल गीत गाते हुए चल रही थीं। केसरिया परिधान में हजारों पुरुष व बच्चे नृत्य करते हुए चल रहे थे। युवा मंडल के बैण्ड मधुर ध्वनियां बजा रहे थे। घटयात्रा के साथ लगभग 2000 दिगम्बर जैन प्रतिमाएं भी शामिल थीं। इनमें छोटी प्रतिमाओं को भक्तगण सिर पर रखकर चल रहे थे। आचार्य का विशाल संघ जिसमें लगभग 90 दिगम्बर जैन मुनि एवं 160 आर्यिका माताएं शामिल थी। 




कुंडलपुर

कुंडलपुर 




ध्वज पूजन शुरु : महोत्सव के लिये लगभग 400 एकड़ में अयोध्या नगरी की रचना की गई है। इस अयोध्या नगरी के मध्य विशाल पंडाल बनाया गया है। पंडाल में प्रतिष्ठाचार्य विनय भैया ने मंत्रोच्चारण के साथ देव शास्त्र गुरु और ध्वज पूजन शुरु किया। आचार्य संघ के विराजमान होते ही भक्तों ने भक्तिभाव से महोत्सव के लिए आचार्य निमंत्रण किया। इसके बाद दानवीर अशोक पाटनी एवं सुशीला पाटनी परिवार ने तालियों की गडगडाहट के साथ 101 फीट के दण्ड पर लगा ध्वज फहराया। 24 अन्य ध्वज भी फहराये गए। खास बात यह थी कि ध्वज फहरते ही उसमें रखे रत्न कुंडलपुर के बड़े बाबा की ओर बिखर गए, जबकि ध्वज हवा के साथ पूर्व दिशा की ओर लहराने लगा। यह महोत्सव के लिये सबसे शुभ संकेत माना जाता है।



आचार्य ने कहा- मैं बहुत खुश हूं : ध्वजारोहण के बाद आचार्य संघ मुख्य पंडाल में विराजमान हुआ। यहां आचार्य ने संक्षिप्त प्रवचन में कहा कि आज इस महोत्सव की शुरुआत में जितनी खुशी आप सभी को है, उससे ज्यादा मुझे हो रही है। उन्होंने कहा कि बड़े बाबा के आंगन में आयोजित यह महोत्सव कई गुणित फल देने वाला है। यहां से लोगों की झोली भरने वाली है। आचार्य ने महोत्सव के पहले दिन ही मौसम के साथ देने पर कहा कि बड़े बाबा की संस्कृति में प्रकृति को तो साथ देना ही है। उन्होंने कहा कि महोत्सव के पहले दिन न ठण्ड है, न गर्मी है और न ही बारिश हो रही है। यहां सिर्फ बड़े बाबा के आशीर्वाद और कृपा की बारिश हो रही है, जिसे इसमें भीगना है वह यहां आ रहे हैं। आचार्य ने कहा कि आप इस महोत्सव में अपना पुण्य इतना बढ़ा लो कि पाप कर्म भाग जाएं। उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि महोत्सव की शुरुआत शुभ मुहूर्त में हो गई है। पहले आप सभी आयोजन को लेकर भयभीत थे। मोक्षमार्ग में भय भी जरूरी है। लेकिन अब पूरी तन्मयता से बड़े बाबा की भक्ति के साथ सद्कार्य में लग जाइए।



भक्तिमर विधान व सकलीकरण : प्रतिष्ठाचार्य विनय भैया ने बताया कि महोत्सव के दूसरे दिन मंत्रोच्चार के साथ मंडप शुध्दि, पात्रों का सकलीकरण एवं भक्तिमर विधान किया जाएगा।

 


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