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संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर एग्रीकल्चर कॉजेल की जमीन अपने पाले में लेने के लिए शासन-प्रशासन ने एक कदम और आगे बढ़ाया है। कॉजेल की 115 हेक्टेयर जमीन में से 108 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। ये जमीन शहर के लिए ग्रीन बेल्ट और बफर जोन की तरह काम आती है। राज्य सरकार की ओर से कॉलेज को जिले में कहीं और शिफ्ट करने की बात हो रही है। सरकार इस जमीन पर ऑक्सीजन जोन और कमर्शियल बिल्डिंग बनाना चाहती है। इस मामले में एग्रीकल्चर कॉलेज और ग्वालियर एग्रीकल्चर यूनवर्सिटी की ओर से लगी आपत्तियां शासन-प्रशासन स्तर पर खारिज हो गई हैं। प्रदेश की राजधानी से जिला प्रशासन के इस प्रस्ताव को मान्य कर लिया है कि कॉलेज की जमीन बहुमूल्य है और इसे अधिग्रहित किया जाना चाहिए। इस प्रस्ताव में केवल गेंहू रिसर्च सेंटर के पास मौजूद सात हैक्टेयर जमीन छोड़ने का प्रस्ताव है, बाकी 108 हैक्टेयर लेने का प्रस्ताव है।
क्या है पूरा मामला जानें-
इतनी तेजी क्यों
जमीन अधिग्रहण के मामले में शासन और प्रशासन की तेजी समझ के बाहर है। कॉलेज के लिए सिमरोल के पास जमीन देने की तैयारी हो गई है। किसान कल्याण, कृषि विकास विभाग और लोक परिसंपत्ति प्रंबधन भोपाल ने एग्रीकल्चर कॉलेज से जवाब भी मांग लिया। 27 जुलाई से 29 अगस्त तक में ही विभाग से तीन पत्र जारी हो गए हैं। वहीं, जिला प्रशासन के अधिकारी का कहना है कि कृषि कॉलेज के पास जो भूमि है, हमने केवल अपने रिकॉर्ड के लिए उसी का विवरण मांगा था, जबकि इसे सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के पोर्टल पर नीलामी के लिए अपलोड नहीं किया गया है, ऐसी कोई योजना या निर्देश नहीं है।
कॉलेज प्रशासन की ये हैं आपत्तियां
कॉलेज का कहना है कि विकसित और ऐतिहासिक रिसर्च सेंटर को नहीं लिया जाना चाहिए। इससे रिसर्च सिस्टम बिगड़ जाएगा। छात्रों की पढ़ाई और रिसर्च एक ही जगह होनी चाहिए क्योंकि खेती से ही देश का विकास है। वहीं, छात्रों का आरोप है कि तीस हजार करोड़ से ज्यादा की इस जमीन को सिटी पार्क, आवासीय और कर्मिशयल प्रोजेक्ट के नाम पर निजी हाथों में सौंपने का प्रस्ताव भी तैयार हो रहा है।
आंदोलन और तेज करेंगे
अधिग्रहण की बात सामने आने के बाद से ही मध्य जुलाई से छात्र और पूर्व छात्र, किसान संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। आंदोलन की अगुआई कर रहे केदार सिरोही का कहना है कि किसी भी कीमत पर एक इंच जमीन नहीं देंगे, फिर से आंदोलन को तेज किया जाएगा और फिर से सड़कों पर उतरेंगे।
अब तक क्या हुआ
शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन ने महाविद्यालय की जमीन का अवलोकन कर कॉलेज प्रशासन से सारी जानकारी मांगी थी। लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग के प्रमुख सचिव अनिरुद्ध मुखर्जी इस सिलसिले में इंदौर भी आए थे। कलेक्टर मनीष सिंह सहित अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की थी। इसी दौरान कॉलेज के अधिष्ठाता और अन्य लोगों को बुलाकर जमीन के बारे में जानकारी ली थी। चर्चा है कि प्रदेश का लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग कॉलेज की जमीन की जानकारी जुटाकर इसे नीलाम करने की योजना बना रहा है। जिले में दूसरी जगह जमीन उपलब्ध कराने को लेकर भी प्रस्ताव रखा गया है, दो जगह के बारे में चर्चा भी हुई है। अनाधिकृत जानकारी के मुताबिक महाविद्यालय के लिए दूसरी जगह जमीन के मामले में कॉलेज अधिकारियों ने असहमति जताई है। अधिकृत रूप से उनका कहना ह ैकि शासन जो आदेश देगा, हमें मानना होगा।