भोपाल. मध्यप्रदेश में 28 अक्टूबर को शिवराज सरकार (Shivraj Govt) ने भू-अधिकार योजना (Land Rights Scheme) लागू कर दी है। इसके लिए सरकार ने जरुरी दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए हैं। इस योजना के तहत ऐसे गरीब परिवार जिनके पास कोई भू-खंड का टुकड़ा नहीं है, सरकार उन्हें प्लॉट (Free Plot Scheme) देगी। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इसे ऐतहासिक फैसला बताते हुए कहा कि जिसने इस धरती पर जन्म लिया है, उसे यह अधिकार है कि उसके नाम पर रहने के लिए कम से कम जमीन का एक टुकड़ा हो, जिस पर वह घर बना सके और अपने परिवार के साथ रह सके।
बैंक से लोन भी मिल सकेगा
शिवराज ने बताया कि ऐसे घर जिनमें एक से अधिक परिवार रहते हैं, उन्हें सरकार रहने के लिए निशुल्क प्लॉट उपलब्ध कराएगी। योजना के तहत परिवार का मतलब पति-पत्नी और बच्चे से है। यदि उनके पास रहने का कोई भू-खण्ड नहीं है तो राज्य सरकार उन्हें पट्टा देगी। इससे प्रधानमंत्री आवास योजना में मकान बनने की राह भी खुल जाएगी और बाकी योजनाओं का लाभ भी मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि हरेक परिवार को न्यूनतम मूलभूत आवश्यकताओं के साथ सम्मानपूर्वक जीवनयापन का अधिकार सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यह योजना लागू की गई है। आवासीय भू-खण्ड प्राप्त होने पर सरकारी योजनाओं और बैंकों से लोन मिलने में मदद मिलेगी।
'मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना' प्रदेश में लागू हो गई है। मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj ने मीडिया के लिए जारी संदेश में कहा कि मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना में ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी भूमि पर भू-खण्ड आवंटन के दिशा-निर्देश राज्य शासन द्वारा जारी कर दिए गए हैं: CM pic.twitter.com/lMGxMI2zZs
— CMO Madhya Pradesh (@CMMadhyaPradesh) October 28, 2021
योजना में आवेदन करने की शर्तें
इस योजना में जिला कलेक्टर को आबादी भूमि की उपलब्धता के संबंध में अधिकार दिया गया है। आवंटन हेतु प्लॉट का अधिकतम क्षेत्रफल 60 वर्ग मीटर होगा। परिवार का अर्थ है पति और पत्नी और उनके अविवाहित बेटे और बेटियां। केवल वही आवेदक परिवार आवेदन करने के पात्र होंगे जो संबंधित गांव के निवासी हैं। आवासीय भूखंड प्राप्त करने के लिए आवेदन सारा (SAARA) पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन जमा करना होगा। योजना के तहत पात्र परिवारों की ग्रामवार सूची संबंधित ग्रामवासियों से आपत्ति व सुझाव आमंत्रित करने के उद्देश्य से प्रकाशित की जाएगी, जिनकी समयावधि दस दिन से कम नहीं होगी।
राजस्व आयुक्त करेगा मॉनीटरिंग
लाभार्थियों की सूचना चौपाल, गुड़ी, चावड़ी आदि सार्वजनिक स्थानों और ग्राम पंचायत कार्यालयों में चस्पा की जाएगी। पात्र आवेदकों को उपलब्धता के आधार पर पति-पत्नी के संयुक्त नाम से भूमि स्वामित्व का अधिकार दिया जाएगा। प्लॉट के आवंटन के लिए कोई प्रीमियम नहीं देना होगा। इसकी मॉनीटरिंग राजस्व आयुक्त करेगा।
इन लोगों को नहीं मिलेगा योजना का फायदा
सरकार ने योजना के दिशा निर्देशों में बताया कि इस योजना को फायदा किन परिवारों को नहीं मिलेगा। निर्देशों के मुताबिक, जिन परिवारों के पास स्वतंत्र रूप से रहने के लिए आवास है, 5 एकड़ से अधिक भूमि है, जो परिवार सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) दुकान से राशन प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं हैं, यदि परिवार का कोई भी सदस्य आयकर (Income Tax) भरता है या फिर सरकारी नौकरी में है। ऐसे परिवार योजना के अंतर्गत पात्र नहीं होंगे।