BHIND. भिंड से गोहद तहसील के बाराहेड़ पंचायत के मानपुर गांव से विचलित कर देने वाली खबर है। 20 सितंबर को दोपहर में कैलाशी कौरव का निधन हो गया। बारिश के चलते पहले तो परिजन बारिश के रुकने का इंतजार करते रहे और जब बारिश थमने के कोई आसार नहीं दिखे तो मजबूरी में उन्होंने गांव के आधे-अधूरे मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया। तिरपाल के नीचे अंतिम संस्कार करना पड़ा क्योंकि मुक्तिधाम में टीन शेड नहीं है।
अंतिम संस्कार होते-होते 4 तिरपाल जले
कैलाशी देवी के भतीजे महेश कौरव ने बताया की अंतिम संस्कार के समय इतनी बारिश हो रही थी कि बासों के सहारे से जैसे-तैसे तिरपाल लगाते रहे। अंतिम संस्कार होते-होते 4 तिरपाल जल गए।
तमाम जिम्मेदारों की लापरवाही
इस मामले में जब वर्तमान सरपंच बलवीर जाटव से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मेरे पास तो अभी तक प्रभार भी नहीं आया है और तत्कालीन सरपंच सोबरन सिंह कौरव को कई बार फोन लगाने पर भी उन्होंने फोन नहीं उठाया। गौहद के जनपद सीईओ का मोबाइल नंबर भी बंद मिला। पूरे मामले में कोई भी जिम्मेदार बोलने को तैयार नहीं है।
जिला पंचायत सीईओ ने दिया आश्वासन
जिला पंचायत सीईओ जेके जैन से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मैं मामले को दिखाता हूं और दिसंबर तक हम सभी गांव में शेड सहित श्मशान घाट का निर्माण करा देंगे। आखिर सवाल ये है कि इतने विधायक, सांसद, पंचायत मदों की होते हुए भी आम आदमी को क्यों बारिश में तिरपाल के नीचे अंतिम संस्कार करने पर मजबूर होना पड़ा रहा है।
परसाला गांव में सिंध नदी में बहाना पड़ा शव
रौन तहसील के परसाला गांव से जहां 45 साल के एक युवक का बीमारी से निधन हो गया था। मृतक के परिजन को बारिश की वजह से अंतिम संस्कार के लिए भी स्थान उपलब्ध नहीं हो पाया। बाढ़ के जोखिमों से भरी हुई सिंध नदी में परिजन को मृतक का अंतिम संस्कार करना पड़ा। परसाला सचिव गीता शर्मा के पति अशोक शर्मा ने बताया कि जगह के विवाद में श्मशान घाट नहीं बन पाया था जिसको अब बनाया जा रहा है।