Chhindwara. जम्मू में आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुए भारत यदुवंशी को गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम विदाई दी गई। भारत यदुवंशी का अंतिम संस्कार उनके गांव रोहना में उन्हीं के खेत में किया गया। भारत को उनकी 4 साल की बेटी याज्ञवी और 2 साल की जाह्नवी ने मुखाग्नि दी। शहीद को अंतिम विदाई देने पूरा गांव उमड़ पड़ा। भारत के पिता ने कहा कि उनके लिए इससे बढ़कर गौरव की बात क्या हो सकती है कि उनके बेटे ने भारत माता की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। वो अमर हो गया, अमर ही रहेगा। भारत यदुवंशी 16 जून को जम्मू के दुर्गमूला में आतंकी मुठभेड़ में शहीद हो गए थे।
परिवार में माता-पिता, गर्भवती पत्नी, दो बेटियां और छोटा भाई
शहीद भारत यदुवंशी का पार्थव शरीर जब गृह ग्राम रोहना पहुंचा तो पूरे गांव में मातम पसर गया। भारत की गर्भवती पत्नी तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर से लिपटकर खूब रोईं। वे जल्दी घर आने की बात कहकर गए थे। मां ने इतना विलाप किया कि उनके आंसू सूख गए, पिता भी फूट-फूटकर रोए। भारत यदुवंशी भारतीय सेना में राष्ट्रीय राइफल-41 (सिग्नल रेजीमेंट) में सिग्नल मैन के पद पर पदस्थ थे। वे 20 मई को ही छुट्टी से वापस ड्यूटी से लौटे थे। भारत ने 2015 में आर्मी ज्वॉइन की थी। भारत के परिवार में माता-पिता, गर्भवती पत्नी, दो बेटियां और छोटा भाई है।
आतंकी मुठभेड़ में ग्रेनेड हमले में शहीद हुए थे भारत
भारत यदुवंशी जम्मू कश्मीर के दुर्गमुला के कुपवाड़ा में तैनात थे। बुधवार शाम को हुई आतंकी मुठभेड़ में भारत ग्रेनेड हमले में बुरी तरह घायल हो गए। भारत माता की रक्षा करते हुए उन्होंने बलिदान दे दिया। मध्यप्रदेश के कृषि और छिंदवाड़ा के प्रभारी मंत्री कमल पटेल भी शहीद को अंतिम विदाई देने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि भारत का नाम इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। कमल पटेल ने रोहना में भारत यदुवंशी के नाम पर एक तालाब बनाने की घोषणा की।