नवीन मोदी, Guna. गुना के आरोन में पुलिस-शिकारी मुठभेड़ मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। विदोरिया गांव में जिस शिकारी नौशाद का पुलिस ने एनकाउंटर किया था, उसकी भतीजी का निकाह था। आरोपी बारातियों के स्वागत के लिए मोर और काले हिरण का शिकार कर रहे थे। बारातियों को दावत में मोर और काले हिरण का मीट परोसने की प्लानिंग थी। शिकारियों से हुई मुठभेड़ में तीन पुलिसकर्मी शहीद हुए थे जिनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। वहीं राघौगढ़ के विदोरिया गांव में पुलिस-प्रशासन ने दो शिकारियों के घरों पर बुलडोजर चला दिया। नौशाद और बब्लू के घर ध्वस्त कर दिए गए हैं। आरोपियों को चिन्हित करने के बाद कार्रवाई की गई।
#गुना के आरोन में शिकारियों द्वारा तीन पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद #राघौगढ़ के विदोरिया गांव में आरोपियों के घर पर चला प्रशासन का #बुलडोजर।@CMMadhyaPradesh @drnarottammisra @PradhumanGwl @CollectorGuna @guna_police @JansamparkMP @BJP4MP @INCIndia @OfficeOfKNath pic.twitter.com/69XLmBlvoK
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शहीद आरक्षक नीरज को 12 साल के बेटे ने दी मुखाग्नि
मुठभेड़ में शहीद आरक्षक नीरज भार्गव का मेवहुआ मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार हुआ। उन्हें उनके 12 साल के बेटे ने मुखाग्नि दी। शहीद को अंतिम विदाई देने राघौगढ़ विधायक जयवर्धन सिंह भी पहुंचे थे। उन्होंने तीनों शहीदों के परिवारों की हरसंभव मदद की बात कही है।
गुना में शहीद पुलिसकर्मी नीरज भार्गव को अंतिम विदाई, गार्ड ऑफ ऑनर देने के बाद हुआ अंतिम संस्कार।@CMMadhyaPradesh @drnarottammisra @PradhumanGwl @CollectorGuna @guna_police @JansamparkMP @BJP4MP @INCIndia @OfficeOfKNath pic.twitter.com/SxXnehaYGd
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अशोकनगर के लाल की विदाई में नम हुई आंखें
अशोकनगर की माटी के सपूत सब इंस्पेक्टर राजकुमार जाटव को गार्ड ऑफ ऑनर देने के बाद पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान पूरे अशोकनगर में गमगीन माहौल रहा। शहीद राजकुमार को पुलिस ने दिया गार्ड ऑफ ऑनर दिया। एडीजी विनय कटारिया सहित राज्य मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव, विधायक और कलेक्टर अंतिम यात्रा में शामिल हुए।
मोर और हिरण के शिकारियों से हुई थी मुठभेड़
13 मई को रात में करीब पौने 3 बजे थाने में सूचना मिली थी कि कुछ हथियारबंद बदमाश संग्राम बरखेड़ा होते हुए आगे की तरफ निकलने वाले हैं। इसके बाद यहां पुलिस बल आया। अलग-अलग जगह पर 3-4 पुलिस पार्टियां लगी थीं, ताकि उनकी घेराबंदी की जा सके। 4 बाइक पर 7-8 बदमाश थे। गाड़ियों पर बोरियों में कुछ सफेद-सफेद रखा हुआ था, ऐसा नजर आया। जैसे ही बदमाश दिखे तो उनकी घेराबंदी की गई। इसके बाद बदमाश गांव के अंदर जाने वाले कच्चे रास्ते से जाते दिखे। उस तरफ भी पुलिस बल तैनात था। पुलिस को देखकर बदमाश वापस लौटे। एसपी ने बताया कि जब बदमाशों ने खुद को घिरा हुआ पाया तो अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस जवानों ने भी इसका जवाब दिया। फायरिंग में एक सब इंस्पेक्टर, एक हैड कॉन्स्टेबल और एक कॉन्स्टेबल शहीद हो गए।
सीएम ने आपात बैठक बुलाई, आईजी को हटाया
इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने निवास पर आपात बैठक लेकर जानकारी ली थी। इधर, कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्रा ने ट्वीट कर कहा था कि घटना के वक्त आईजी शर्मा ग्वालियर में थे। गुना की दूरी 3 घंटे की होने के बावजूद वे घटनास्थल पर नहीं पहुंचे। मामले को तूल पकड़ता देख सीएम ने आईजी शर्मा को तत्काल प्रभाव से हटाने के आदेश दे दिए। सीएम ने तीनों पुलिसकर्मियों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपए की सम्मान निधि देने की घोषणा की।
ADG बनाए गए डी. श्रीनिवास वर्मा
आईजी शर्मा को हटाए जाने के बाद राज्य सरकार ने डी. श्रीनिवास वर्मा को एक बार फिर ग्वालियर एडीजी बनाने के आदेश जारी कर दिए। इसके पहले सरकार ने 31 दिसंबर को श्रीनिवास को ग्वालियर एडीजी बनाने के आदेश जारी किए थे, लेकिन केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की सहमति न होने से वे जॉइन नहीं कर पाए थे। सिंधिया यहां अपनी पसंद का अफसर लाना चाहते थे, इसके चलते 19 दिनों तक ग्वालियर आईजी का पद रिक्त रहा। आखिरकार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंधिया की पसंद के अफसर अनिल शर्मा को ग्वालियर आईजी बनाने के आदेश जारी किए थे।