GWALIOR.मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर में कोर्ट की टिप्पणी से आहत होकर एक वकील द्वारा की गयी आत्महत्या के मामले पर रोष प्रकट करने के लिए आज हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के वकीलों ने भी काम से विरत रहकर किसी सुनवाई में हिस्सा नहीं लिया। इस दौरान उन्होंने दिवंगत वकील को श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
वकील के प्रति भी अच्छा होना चाहिए
स्टेट बार काउंसिल के सदस्य जयप्रकाश मिश्रा ने कहा कि इस घटना की जितनी आलोचना की जाए उतनी कम है। ये पहली ही घटना है। मैं इतना ही कह सकता हूँ कि न्यायालय में काम करते समय वकील के सम्मान का ध्यान रखना चाहिए और अनावश्यक टिप्पणियों से बचना चाहिए। अनुराग साहू जी कितने डिप्रेशन में चले गए इसका अंदाजा ही नहीं लगा सकते।
हम आज इस काम से विराट रहकर या सन्देश दे रहे हैं कि अपने व्यवहार में परिवर्तन लाएं अन्यथा इससे कोई फायदा होने वाला नहीं है। लोगों को न्याय दिलाने के लिये न्यायालय और वकील दोनों ही बराबर के हिस्सेदार हैं। व्यवहार वकील के प्रति भी अच्छा होना चाहिए लेकिन ये अच्छा नहीं हुआ। इस मामले को लेकर पूरे प्रदेश के वकील दुखी है।
कल की थी आत्महत्या
जबलपुर हाईकोर्ट में अधिवक्ता अनुराग साहू ने अदालत में की एक टिप्पणी से आहत होकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले को लेकर मध्यप्रदेश में वकील शनिवार को हड़ताल पर चले गए हैं। जबलपुर में शुक्रवार को जमानत में जज द्वारा विपरीत टिप्पणी किए जाने के बाद आत्महत्या करने वाले वकील अमित साहू की लाश लेकर साथी वकील हाईकोर्ट पहुंचे थे। जज नहीं मिले तो चीफ जस्टिस कोर्ट में वकीलों ने जमकर हंगामा किया था। न्यायिक इतिहास में अपनी तरह की यह पहली घटना है।
पक्षकार रहे परेशान
वकीलों के विरोध का असर शनिवार को हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ सहित जिला अदालत और उसके अधीन आने वाली सभी अदालतों में देखने को मिला जिससे पक्षकारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।