रिटायर्ड आईएएस जुलानिया के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत की जांच शुरू, फर्म से 99.5 लाख अकाउंट में लेने का आरोप

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Atul Tiwari
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रिटायर्ड आईएएस जुलानिया के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत की जांच शुरू, फर्म से 99.5 लाख अकाउंट में लेने का आरोप

BHOPAL. मध्य प्रदेश लोकायुक्त संगठन ने प्रदेश के रिटायर्ड आईएएस अफसर राधेश्याम जुलानिया के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जुलानिया पर जल संसाधन विभाग के सब ठेकेदार फर्म अर्नी इन्फ्रा से 99.50 लाख रुपए अपने बैंक खाते में लेने का आरोप है। शिकायतकर्ता ने दस्तावेजों के साथ लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराते हुए राधेश्याम जुलानिया, उनकी पत्नी अनीता जुलानिया और उनकी बेटी लावण्या को भी आरोपी बनाने की मांग की है।





शिकायतकर्ता ने अगस्त में शिकायत दर्ज कराई थी, डॉक्यूमेंट्स भी दिए थे





भोपाल के रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता नेमीचंद जैन ने 2 अगस्त 2022 को लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई थी कि जुलानिया रिटायरमेंट के बाद भोपाल के जिस बंगले में रहते हैं, उसका भूखंड उन्होंने स्वयं और पत्नी अनीता के नाम खरीदा है। इस भूखंड को खरीदने की रकम अर्नी इन्फा के खाते से अलग अलग बैंक खातों में घुमाकर जुलानिया के अकाउंट में भेजी गई थी। शिकायतकर्ता ने सारे प्रमाण संलग्न करते हुए शिकायत में लिखा था कि जनवरी 2021 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने अर्नी इंफ्रा के मालिक आदित्य त्रिपाठी को गिरफ्तार किया था। 





वहीं, ईडी ने प्रेसनोट जारी कर कहा था कि अर्नी इंफ्रा मुखौटा फर्म है, जो जल संसाधन विभाग के सबसे बड़े ठेकेदार राजू मेंटाना की ओर से मप्र के वरिष्ठ अफसरों को रिश्वत बांटने का काम करती है। अर्नी इंफ्रा को मेंटाना की ओर से 93 करोड़ काम सबलेट के नाम से मिले थे। जुलानिया लंबे समय तक जल संसाधन विभाग के मुखिया थे और उनके कार्यकाल में मेंटाना को कई करोड़ के काम दिए गए थे।





शिकायतकर्ता ने कई खुलासे किए थे





शिकायतकर्ता ने आरोपों के सबूत देते हुए लिखा था कि जिस समय जुलानिया जल संसाधन विभाग में थे और वहां मेंटाना ठेकेदार फर्म थी, उसी समय जुलानिया की बेटी लावण्या जुलानिया हैदराबाद में मेंटाना की ही एक कंपनी में जॉब कर रही थी। इसकी सूचना जुलानिया ने राज्य सरकार को नहीं दी थी।





शिकायतकर्ता ने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने 22 अगस्त 2016 को जुलानिया को जल संसाधन विभाग से हटाया और आईएएस पंकज अग्रवाल को विभाग की कमान सौंपी थी। पंकज अग्रवाल के कार्यकाल में मेंटाना कंपनी को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया था। मेंटाना के ब्लेक लिस्टेड होते ही अचानक सरकार ने पंकज अग्रवाल को हटाकर जुलानिया को फिर से जल संसाधन में पदस्थ किया। जुलानिया के जल संसाधन में आते ही मेंटाना को ब्लैक लिस्ट से हटाकर फिर से काम सौंप दिए गए। यानी जुलानिया मेंटाना को मदद करते रहे और उससे डायरेक्ट-इनडायरेक्ट फायदा लेते रहे।





शिकायतकर्ता का आरोप- जुलानिया ने बेटे को एक करोड़ रुपए भेजे थे





शिकायतकर्ता ने राधेश्याम जुलानिया द्वारा अपने बेटे अभिमन्यु जुलानिया को एक करोड़ रुपए विदेश भेजने की जांच की भी मांग की है। इस संबंध में तत्कालीन आईएएस रमेश थेटे ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।





लोकायुक्त ने जांच शुरू की





लोकायुक्त संगठन के विधि अधिकारी अवधेश कुमार गुप्ता ने शिकायतकर्ता को लिखित सूचना दी है कि उनकी शिकायत के आधार पर लोकायुक्त संगठन ने रिटायर्ड आईएएस राधेश्याम जुलानिया के खिलाफ केस क्रमांक 0094/ई/22 दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।



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