संजय गुप्ता, INDORE. एक बार फिर लोकायुक्त इंदौर ने दो सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है। एक कार्रवाई इंदौर में तो दूसरी खरगोन में की गई है। इंदौर में पोलोग्राउंड में 34वीं वाहिनी में पदस्थ आरक्षक ईश्वनाथ योगी को लेकर लोकायुक्त को शिकायत मिली थी कि वह यूनिवर्सिटी में रजिस्ट्रार की नौकरी देने के एवज में आठ लाख मांग रहा है। लोकायुक्त ने इसकी जांच की। वहीं फरियादी योगेश ठाकुर ने भी आडियो उपलब्ध कराए, इसमे पहली किश्त के रूप में डेढ़ लाख रुपए मांगे गए। जब फरियादी से यह रिश्वत ले रहा था, तभी लोकायुक्त टीम ने इसे रंगे हाथों पकड़ लिया।
यह थी शिकायत
आवेदक के अनुसार वह अभी बेरोज़गार है कही से उसका सम्पर्क ईश्वर योगी से हुआ तब योगी द्वारा आवेदक को शासकीय नौकरी (यूनिवर्सिटी में रजिस्ट्रार) या एसएससी परीक्षा से नौकरी लगाने के बदले में 8 लाख रुपए मांगे गए। इसकी शिकायत लोकायुक्त को की गई। पुलिस ने भ्रष्टाचार एक्ट में केस दर्ज कर लिया है।
खरगोन में 80 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा
वहीं लोकायुक्त ने खरगोन में श्रम निरीक्षक सपन गोरे को 80 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा गया। जानकारी के अनुसार आवेदक आदित्य जैन खरगोन निवासी ने बताया कि खरगोन का श्रम निरीक्षक सपन गोरे द्वारा न्यूनतम वेतन अधिनियम के अंतर्गत स्कूल का निरीक्षण करने के उपरान्त स्कूल द्वारा नियोजित श्रमिकों को शासन द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन दर से कम भुगतान पाना बताया गया। बाद में यह क्षति पूर्ति राशि नहीं वसूलने के एवज में 80 हजार रुपए मांगे गए। इसकी शिकायत एसपी लोकायुक्त इंदौर से गई थी जो सत्यापन उपरांत सही पाई गई। लोकायुक्ट टीम ने खरगोन के श्रम कार्यालय स्थित आरोपी के कक्ष से आरोपी को रिश्वत राशि लेते हुए ट्रेप किया गया।
80 हजार में सौदा तय हुआ
लोकायुक्त डीएसपी सन्तोष भदौरिया ने बताया बड़गांव के निजी स्कूल संचालक ने कोरोना काल के दौरान वेतन वितरण का मामला निपटारे के लिये श्रम इंस्पेक्टर सपन गोरे ने स्कूल संचालक आदित्य से डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। 80 हजार में सौदा तय हुआ। इसकी शिकायत आदित्य ने लोकायुक्त को की, जिसके बाद योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई करते हुए कार्यालय में रिश्वत लेते पकड़ा है।