BHOPAL. उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह के बाद अब बीजेपी वरिष्ठ नेता राकेश जादौन और निवाड़ी कलेक्टर तरुण भटनागर पर लोकायुक्त ने शिकंजा कसा है। राकेश जादौन और तरुण भटनागर पर ग्वालियर मास्टर प्लान में छेड़छाड़ कर सरकार को 1 करोड़ की चपत लगाने के आरोप हैं। ग्वालियर विशेष क्षेत्र प्राधिकरण के अध्यक्ष रहते हुए राकेश जादौन और सीईओ रहते हुए तरुण भटनागर ने अधिकार न होने के बाद भी रायरू डिस्टलरी को आवासीय और सार्वजनिक जमीन पर शराब फैक्टरी के लिए विस्तार की अनुमति दी। इसके लिए अफसरों ने मास्टर प्लान को भी बदल दिया जिससे सरकार को 1 करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ। अध्यक्ष राकेश जादौन और सीईओ तरुण भटनागर के खिलाफ केस दर्ज कर जांच की गई।
साडा के मास्टर प्लान से की गई छेड़छाड़
शराब फैक्टरी के मालिक रायरू डिस्टलरी ने अपनी फैक्टरी के विस्तार और बड़े लोन अमाउंट के लिए साडा के मास्टर प्लान में छेड़छाड़ करवाई जिससे शासन को शासन को 1.07 करोड़ का नुकसान हुआ। पुराने निर्माण का कंपाउंडिंग शुल्क बचाने के लिए साडा अध्यक्ष राकेश जादौन, तत्कालीन सीईओ तरुण भटनागर, उपयंत्री नवल सिंह राजपूत, अधीक्षक यंत्री आर.एल.एस. मौर्य ने अपने पद का दुरुपयोग किया।
उज्जैन में महाकाल लोक के फर्स्ट फेज के कामों में भ्रष्टाचार की शिकायत
इससे पहले लोकायुक्त के पास उज्जैन में महाकाल लोक के फर्स्ट फेज के कामों में भ्रष्टाचार की शिकायत आई थी। इसके बाद लोकायुक्त ने 3 आईएएस अफसरों के अलावा 15 अफसरों को नोटिस देकर 28 अक्टूबर तक जवाब मांगा है। शिकायत में ठेकेदार को करोड़ों का फायदा पहुंचाने के लिए दरें और आइटम को बदलने का आरोप लगाया गया है।
कांग्रेस विधायक महेश परमार ने की शिकायत
लोकायुक्त संगठन में कांग्रेस विधायक महेश परमार ने शिकायत की थी कि अफसरों ने पद का दुरुपयोग कर ठेकेदार मनोज भाई पुरुषोत्तम भाई बाबरिया को आर्थिक लाभ पहुंचाया, जिससे शासन को रेवेन्यू का नुकसान हुआ। नोटिस में कहा गया है कि लोकायुक्त संगठन की जांच में प्रथम दृष्टया आरोप प्रमाणित पाए गए हैं। लोकायुक्त के नोटिस में तीन आईएएस उज्जैन कलेक्टर और स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अध्यक्ष आशीष सिंह, उज्जैन स्मार्ट सिटी के तत्कालीन कार्यपालक निदेशक क्षितिज सिंघल और तत्कालीन नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता शामिल हैं।