सचिन त्रिपाठी, Satna. लोकायुक्त ने सतना के डिप्टी रेंजर धीरेंद्र चतुर्वेदी को दो बीट गार्ड अनिल मांझी और बीट गार्ड नीरज दुबे के साथ रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। लोकायुक्त की टीम ने डिप्टी रेंजर के पास से एक पिस्टल भी बरामद की है। जिसका लायसेंस डिप्टी रेंजर के पास नहीं था। ऐसे में लोकायुक्त टीम के सन्न रह गई। इसकी जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को भी दे दी गई है। जंगल में सरकारी योजना के तहत डलने वाली पाइपलाइन की मंजूरी के ऐवज में 30 हजार रुपए की रिश्वत मांगी गई थी।
डिप्टी रेंजर धीरेंद्र चतुर्वेदी, बीट गार्ड अनिल मांझी और बीट गार्ड नीरज दुबे को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है।
जेसीबी को किया था जब्त
शिकायतकर्ता मुन्नू पांडेय ने कहा कि, हर घर नल जल योजना के तहत उसकी गणेश नामक फर्म जंगल में खुदाई का काम कर रही थी। इस दौरान बीती 25 मई को परसमानिया वन चौकी के डिप्टी रेंजर धीरेंद्र चतुर्वेदी अपने साथियों के साथ आए, और कहने लगे कि तुम लोग वन क्षेत्र में खुदाई कर रहे हो, पेड़ों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते हुए झूठा पंचनामा बना लिया और खुदाई कर रही जेसीबी को जब्त कर लिया।
50 हजार की मांगी थी रिश्वत
लोकायुक्त पुलिस के मुताबिक डिप्टी रेंजर द्वारा जेसीबी छोड़ने के लिए 50 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की गई थी। बातचीत के दौरान 30 हजार में सौदा पक्का हो गया। शिकायत पुख्ता होने के बाद लोकायुक्त की टीम ने ट्रैप करते हुए सरकारी आवास से डिप्टी रेंजर को गिरफ्तार कर लिया। तलाशी लेने पर उनके पास से दस हजार रुपए और एक पिस्टल भी बरामद हुई।