Damoh. दमोह जिले के मडियादो थाना प्रभारी पर रिश्वत मांगने के मामले में लोकायुक्त में मामला दर्ज हुआ है। सागर लोकायुक्त जब थाना प्रभारी विक्रम दांगी को ट्रेस करने पहुंची तो वह न्यायालय में होने के चलते ट्रेस नही हो पाए। यह इस प्रकार का दूसरा मामला है। इसके पहले पिछली साल मडियादो के तत्कालीन थाना प्रभारी अभिषेक पटेल पर रिश्वत मांगने के मामले में मामला दर्ज हुआ था और जब लोकायुक्त पुलिस ट्रेस करने पहुंची तो वह भी किसी सरकारी काम में होने के चलते ट्रेस होने से बच गए थे।
धारा 7 के तहत हुआ मामला दर्ज
लोकायुक्त पुलिस द्वारा जिले के मडियादो थाना प्रभारी विक्रम सिंह दांगी पर रिश्वत मांगने के मामले में भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस संबंध में बताया गया है कि दमोह जिले के मडियादो थाना प्रभारी विक्रम सिंह दांगी द्वारा रेत, गिट्टी के व्यापारी पारस गुप्ता का एक माह पहले डस्ट, गिट्टी परिवहन करते ट्रैक्टर ट्राली पुलिस द्वारा पकड़ा गया था और उस पर कार्रवाई की गई थी। पारस गुप्ता के अनुसार ट्रैक्टर ट्राली पकड़ने कर कार्रवाई के बाद ट्रैक्टर, ट्राली से रेत गिट्टी परिवहन करने के एवज में थाना प्रभारी विक्रम सिह दांगी द्वारा रुपये की मांग की गई थी। इसके अलावा जंगल व राजस्व से पत्थर उठाने के नाम पर भी अलग से महीना दिए जाने की बात भी कही गई थी।
थाना प्रभारी विक्रम सिंह दांगी द्वारा स्टाक से रेत, गिट्टी बेचने के नाम पर प्रतिमाह पांच हजार रुपया, जंगल व राजस्व से अवैध खनन कर लाई गई रेत, पत्थर परिवहन व बेचने के नाम पर 15 हजार रूपए इस प्रकार कुल 20 हजार रूपए प्रति माह की मांग की गई थी। जिसके बाद पारस गुप्ता ने लोकायुक्त सागर में शिकायत की थी। जिस पर लोकायुक्त पुलिस द्वारा शिकायत की रिकॉर्डिंग भी कराई गई थी। जिसमें थाना प्रभारी द्वारा स्वयं व अन्य दो पुलिसकर्मियों के नाम पर राशि की मांग कर रहे थे। पारस गुप्ता ने बताया गुरुवार के दिन राशि देना तय हुआ था और उसी दिन सागर लोकायुक्त पुलिस ने मडियादो आकर
दबिश भी दी थी, लेकिन थाना प्रभारी दांगी उच्च न्यायालय में किसी कार्य से चले गए और इस कारण पुलिस को भी इस बात की कहीं से भनक लग जाने के कारण यह मामला टल गया और थाना प्रभारी ट्रेस नही हो पाए।
इस संबंध में लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक रामेश्वर सिंह यादव ने बताया कि पारस गुप्ता की शिकायत पर टीम भेजी गई थी। रिकॉर्डिंग में थाना प्रभारी स्वयं 20 हजार रुपये की मांग करते हुए स्पष्ट रूप से बोल रहे हैं, जिसके बाद ट्रैप करने के लिए टीम भी भेजी गई थी, लेकिन उच्च न्यायालय में पेशी पर चले जाने के चलते यह मामला टल गया और ट्रेप नहीं हो सका, लेकिन स्पष्ट रूप से पैसों की मांग के चलते रिकॉर्डिंग किए जाने के कारण धारा 7 के तहत मामला विक्रम सिह दागी के विरुद्ध दर्ज किया गया है।