GUNA. आदिवासी महिला को जिंदा जलाने के मामले में कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह गुना के धनोरिया गांव पहुंचे। वहां उन्होंने आदिवासी महिला के परिजन से मुलाकात की और पीड़िता को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया। विधायक लक्ष्मण सिंह ने कहा कि आदिवासियों और गरीबों पर जुल्म हो रहे हैं, जिसे संरक्षण देने वाले व्यक्ति को तत्काल हटा देना चाहिए। चाहे कितने बड़े पद पर हो। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम लिए बिना उन पर कटाक्ष किया। लक्ष्मण सिंह ने कहा कि आदिवासियों की तरह ढोल बजाने से या सिर पर मुकुट लगाने से आदिवासी खुश नहीं हो जाएगा। उन्हें हक दिलाना पड़ेगा मुख्यमंत्री जी को और भारतीय जनता पार्टी को। अगर उनको हक नहीं मिलेगा तो उनके हक के लिए कांग्रेस पार्टी के लोग चुप नहीं बैठेंगे, लड़ेंगे। विधानसभा के मानसून सत्र में आदिवासियों के हक का मुद्दा उठाकर मंत्री का इस्तीफा मांगेंगे।
दबंगों को बीजेपी और पुलिस का संरक्षण
कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने कहा कि बमोरी विधानसभा में गरीबों और सहरियों की जमीनों को हड़पने का काम बीजेपी और पुलिस के संरक्षण में चल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि थाने में पदस्थ एक हैड कॉस्टेबल दबंगों से बोलता है कि आप जिस जमीन पर कब्जा करना चाहते हो उस पर कब्जा करो मैं बैठा हूं। इसी के चलते धनोरिया गांव में आदिवासी महिला जिसकी जमीन तहसील के आदेश के उसे दिलवाई थी, उस पर दबंगों ने कब्जा बरकरार रखने के लिए महिला को खेत में डीजल डालकर जिंदा जलाने की कोशिश की। बमोरी में ऐसे लोगों के ऊपर बीजेपी के साथ मंत्री का भी हाथ है।
'गरीबों की जमीन वापस दिलाए सरकार'
विधायक लक्ष्मण सिंह ने कहा उन्होंने अपने 40 साल के राजनीतिक सफर में ऐसी दुखद घटना नहीं देखी है। लक्ष्मण सिंह ने शासन से गरीबों की जमीन की नपती और सर्वे कराने के साथ दबंगों के कब्जे से मुक्त कराकर वापस दिलाने की मांग की है।
बमोरी में आदिवासी महिला के ऊपर डीजल डालकर लगाई थी आग
बमोरी के धनोरिया गांव में एक आदिवासी महिला के ऊपर दबंगों ने डीजल डालकर आग लगा दी थी। आदिवासी महिला आग से बुरी तरह झुलस गई थी। महिला के पति अर्जुन सहरिया ने बताया था कि उनकी पत्नी रामप्यारी बाई खेत पर बुआई करने के लिए गई थी। उन्हें कुछ दिन पहले ही इस खेत का कब्जा मिला था। आरोपियों ने आक्रोशित होकर खेत पर जाकर ट्रैक्टर से डीजल निकालकर उसकी पत्नी को आग के हवाले कर दिया। महिला के पति के मुताबिक आरोपियों की संख्या 8 से 10 के बीच थी।