छतरपुर. 9 नवंबर की रात 8 बजे छतरपुर (Chhatarpur) की राजनीति में हड़कंप मच गया। जब जिले की चंदला विधानसभा (Chandla Assembly) से विधायक राजेश प्रजापति (Rajesh Prajapati) ने कलेक्टर आवास के बाहर धरना (Strike) दिया। हुआ यूं कि चंदला विधायक कलेक्टर (Collector) से मिलना चाहते थे। पर कलेक्टर ने उन्हें समय नहीं दिया। बस इसी बात पर विधायक (MLA) राजेश प्रजापति भड़क गए। विधायक ने कहा कि दलित और आखिरी छोर का विधायक हूं, इसलिए मेरी उपेक्षा की जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार दलितों, आदिवासियों और किसानों की हितैषी है। ऐसे में अधिकारियों द्वारा सरकार की मंशा के विपरीत कार्य किया जा रहा है।
विधायक का आरोप
बीजेपी विधायक राजेश प्रजापति छतरपुर कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह के बंगले के गेट पर धरने के दौरान आरोप लगाया कि वे क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को लेकर कलेक्टर से मिलने शाम चार बजे कलेक्ट्रेट पहुंचे, एक घंटे इंतजार के बाद कलेक्टर ने मुख्यमंत्री की वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के बाद मिलने की बात कहीं, लेकिन वे वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के बाद सीधे बंगले निकल गए। विधायक उनके पीछे बंगले पहुंचे, तो गेट के सुरक्षाकर्मी ने कलेक्टर से बात कर विधायक को बोल दिया कि कलेक्टर बंगले में नहीं है। इसी बीच आरटीओ विक्रमजीत सिंह कंग बंगले के बाहर निकले, जिन्होंने विधायक के पूछने पर बताया कि कलेक्टर बंगले में है। बस इसी बीत से विधायक बिफर गए और रात 8 बजे गेट पर ही अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए।
कलेक्टर बंगले के गेट पर विधायक के धरने पर बैठने की खबर लगते ही एडीएम आरडीएस अग्निवंशी, सिविल लाइन पुलिस समेत कई अधिकारी मौके पर पहुंचे और विधायक को मनाने की कोशिश की, लेकिन विधायक कलेक्टर पर दलित विधायक की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठे रहे। रात 9 बजे कलेक्टर ने विधायक को अंदर आने का संदेश भिजवाया लेकिन नाराज विधायक धरने पर बैठे रहे। वहीं, जिला प्रशासन के अधिकारी उन्हे मनाने में लगे रहे। लेकिन विधायक देर रात तक धरने पर बैठे रहे। वहीं इस मामले में कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, न ही उनसे संपर्क हो सका।