INDORE/SHIVPURI. मप्र के चेकपोस्ट पर भ्रष्टाचार और अवैध वसूली रोकने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मुख्य सचिव को सख्त चिट्ठी लिखी थी, लेकिन इसके 15 दिन बाद भी धरातल पर कोई असर नहीं हुआ है। प्रदेश की सबसे बड़ी चेकपोस्ट बालसमुद (सेंधवा) पर द सूत्र के रिपोर्टर संजय गुप्ता, योगेश राठौर ने मौके पर जाकर स्टिंग किया, ड्राइवर से बात की। यहां खुलेआम वसूली होते मिली। ड्राइवर, क्लीनर को पहले तौल कांटा से आगे निकलते ही एक सर्विस स्लिप दी जाती है।
कायदे से यह स्लिप कटने के बाद ट्रक को निकल जाना चाहिए, लेकिन यह स्लिप देकर उसे पहाड़ी पर बने परिवहन ऑफिस की खिड़की पर जाकर ठप्पा लगवाने के लिए कहा जाता है। यह ठप्पा तब लगता है, जब वह वाहन के हिसाब से राशि जमा कर देता है, यह 500 रुपए से लेकर 3 हजार रुपए तक हो सकता है। राशि मिलते ही खिड़की पर स्लिप पर ठप्पा लगाकर दे दिया जाता है। फिर वह नीचे आकर यह रसीद दिखाता है और वाहन जाने दिया जाता है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को चिट्ठी लिखी थी, द सूत्र ने इस खबर को प्रमुखता से चलाया था। गडकरी ने पत्र लिखकर ट्रांसपोर्ट विभाग (Transport Department) की चेकपोस्ट पर ट्रकों से होने वाली अवैध वसूली (illegal recovery) के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रोक लगाने का आग्रह किया था।
गडकरी का मप्र दौरा
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) एक अगस्त को मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) आ रहे हैं। इस दौरान वे इंदौर को कई बड़ी सौगातें देंगे। यहां पर वे करीब 2,300 करोड़ रुपए के विकास कार्यों की शुरुआत करेंगे।
कर्मचारी पहले ही रोक लेते हैं
जब द सूत्र के रिपोर्टर चौकी पर ड्राइवर के साथ पहुंचे तो कर्मचारी तुरंत समझ गया कि यह बाहरी व्यक्ति है। मौके पर खड़े कर्मचारी लगातार अलर्ट रहते हैं और ड्राइवर-क्लीनर के अलावा किसी को आने ही नहीं देते। फिर साथ गए ड्राइवर ने वहां राशि जमा कराई और फिर वापस लौटे।
एक हजार मांगे थे, 700 रु. दिए
एक ट्रक के ड्राइवर राम ने बताया कि महाराष्ट्र के औरंगाबाद से मैं आ रहा हूं, अभी एक हजार रुपए मांगे थे, लेकिन थोड़ी बात की तो 700 रु. में ठप्पा लगा दिया। रात को तो 1200 रुपए तक लेते हैं। मैं अक्सर इस रूट पर आता हूं। कुछ ड्राइवरों ने डर से बात करने से ही मना कर दिया बोले कि हमेशा यहां आना होता है, हमें तो रहने ही दो।
पास ही में एडमिन ब्लाक में अधिकारी बैठे रहते हैं
बड़ी बात तो ये कि अफसरों की नाक की नीचे ये सब हो रहा है। वसूली आफिस के बगल में एडमिन ऑफिस महज 100 फीट दूरी पर है, जहां अधिकारी बैठे रहते हैं। बाहर ही उनकी कारें खड़ी हुई थीं। अधिकारियों की अलग कैंटीन भी है, वहां भी किसी बाहरी व्यक्ति को जाने नहीं दिया जाता।
इस बैरियर पर वही हाल
शिवपुरी और झांसी के बीच स्थित आरटीओ बैरियर पर अभी भी वाहनों से वैसे ही वसूली हो रही है। यहां पर बाहुबलियों का कब्जा है। इनका आतंक इतना है कि जरा सी आशंका होने पर ही ये लोग पिटाई करना शुरू कर देते हैं। द सूत्र को भी चोरी छिपे ही इस लूट का नजारा कैद करना पड़ा। ट्रांसपोर्टर प्रकाश पाल का कहना है कि सरकार ने डीजल की कीमतों की मार पहले की कर रखी है। भाड़ा इस हिसाब से मिलता नहीं। सरकार ने कहा था कि बैरियर पर वसूली नहीं होगी, पर ऐसा हुआ नहीं। बैरियर पर गैर-कानूनी उगाही अभी भी जारी है। इनकी गुंडागर्दी बढ़ गई है। इन्हें प्राइवेट (नेताओं-अधिकारियों) संरक्षण दिया जा रहा है।
(इनपुट- सेंधवा की बालसमुद चौकी संजय गुप्ता और योगेश राठौर, शिवपुरी से मनोज भार्गव)