भोपाल. मध्य प्रदेश में 2023 में विधानसभा चुनाव हैं। इससे पहले ही कांग्रेस और बीजेपी ने आदिवासियों पर डोरे डालने शुरू कर दिए हैं। इस बीच, जय युवा आदिवासी संगठन (JYAS) ने भी अपनी ताकत दिखानी शुरू कर दी है। 9 सितंबर को एक आदिवासी की मौत मामले में सैकड़ों जयस कार्यकर्ता शाहगंज थाने का घेराव करने निकले। इन आदिवासी युवकों और महिलाओं ने चार बैरिकेड तोड़ दिए। शाहगंज पहुंचने के लिए आदिवासियों को एक और बैरिकेड पार करना होगा। बड़ी बात ये कि शाहगंज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के चुनाव क्षेत्र बुदनी में आता है। जयस कार्यकर्ताओं के चलते स्टेट हाईवे 23 पर जाम लग गया।
भारी पुलिस बल तैनात
जयस की आहट से शाहगंज पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है। यहां आसपास के थानों से 250 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को बुलाया गया है। सीहोर जिले के आला अधिकारी शाहगंज पहुंच गए हैं। जानकारी के अनुसार, होशंगाबाद रोड की ओर बांद्राभान, बाबई की ओर नर्मदा पथ पर, बाड़ी की ओर मंडी के पास और भोपाल की ओर परसवाड़ा के पास बैरिकेडिंग कर पुलिस बल तैनात किया गया है। आने जाने वाले वाहनों की पुलिस सघन जांच कर रही है।
क्या है मामला?
मामला करीब एक महीने पुराना बताया जा रहा है। घटना मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पैतृक गांव जैत के पास स्थित मछवाई गांव की थी। यहां खेत में काम करते हुए बैतूल के एक आदिवासी की मौत हो गई थी। अधिकारियों के मुताबिक, मौत सांप के काटने से हुई थी। पीड़ित परिवार का आरोप है कि यह हत्या का मामला है। पूरे घटनाक्रम में जयस की एंट्री होते ही मामला गरमा गया है।
प्रदर्शन के कारण हाईवे जाम
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी। हम धरना प्रदर्शन करेंगे। पुलिस सीएम के कहने पर हमें प्रदर्शन नहीं करने दे रही है। प्रदर्शन के कारण स्टेट हाईवे 23 में जाम लगा है। बुदनी के गड़रिया नाले से शुरू हुआ यह आंदोलन शाहगंज थाने जाकर खत्म होगा।