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Jabalpur. मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव होने हैं। ऐसे में सभी पार्टियां पूरी तरह से चुनावी मैदान में कूद गई हैं। वहीं, पार्षद पद के टिकट वितरण को लेकर कांग्रेसियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इसी कड़ी में जबलपुर पश्चिम विधानसभा युवा कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन बाजपेई ने टिकट ना मिलने के बाद अपने 50 पदाधिकारियों के साथ पद से इस्तीफा दे दिया। खास बात ये है कि ये विधानसभा क्षेत्र पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट का है।
इस दौरान सचिन ने कहा कि हम इंदिरा गांधी वार्ड से लगातार मेहनत कर रहे थे, लेकिन हमारी जगह एक ऐसे व्यक्ति को टिकट दे दिया, जिसे खुद ही पता नहीं था कि उसे टिकट मिलेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सचिन ने बताया कि हम 50 पदाधिकारी मिलकर रणनीति तैयार करेंगे कि किस तरह से आगे काम करना है। उन्होंने कहा कि पश्चिम विधानसभा के विधायक तरुण भनोट के लिए 10 साल से काम कर रहे थे, लेकिन जब टिकट की बारी आई तो हमारा ही पत्ता काट दिया।
बीजेपी-कांग्रेस का गणित बिगाड़ सकती है आप
मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव में पहली बार आम आदमी पार्टी (AAP) ने पहली बार अपने प्रत्याशी उतारे हैं। पंजाब विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद आप ने नगरीय निकाय में उम्मीदवार उतारे हैं। जबलपुर नगर निगम के 12 वार्डों में आप ने उम्मीदवार खड़े किए हैं। ये सभी जनता जुड़े हैं और अच्छी पकड़ रखते हैं।
7 बड़े शहरों में AIMIM आजमाएगा
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) ने ऐलान किया था कि प्रदेश के 7 शहरों में वह अपने प्रत्याशी उतारेगी। ओवैसी ने ऐलान किया कि पार्टी इंदौर, भोपाल, जबलपुर, खरगोन, बुरहानपुर, रतलाम और खंडवा में नगरीय निकाय चुनाव लड़ेगी। वहीं, पार्टी की राज्य इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. नईम अंसारी ने दावा किया कि पार्टी बुरहानपुर में ना केवल पार्षद पद पर, बल्कि मेयर पद पर भी उम्मीदवार उतारेगी।