अशोकनगर. मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर एकबार फिर अस्पताल प्रशासन की लापरवाही देखने को मिली। मामला अशोकनगर के जिला अस्पताल (District Hospital) की इंटेसिव केयर यूनिट (ICU) का है। यहां बने टॉयलेट में दरवाजा कुछ दिन पहले टूट गया था। जब भी कोई पेशेंट (Patient) टॉयलेट जाता तो अटेंडर (Attender) खुले दरवाजे को ढांकने के लिए पर्दे के रूप में चादर पकड़कर खड़ा रहता। मरीज के टॉयलेट में रहने तक अटेंडर इसी तरह दरवाजे पर रहता था। कुछ मरीजों ने इस वीडियो बनाकर वायरल किया। द सूत्र ने भी इस खबर को प्रमुखता से चलाया। इसके बाद अस्पताल प्रशासन जागा और आनन-फानन में टॉयलेट का दरवाजा लगा।
मरीज, परिजन को परेशानी, अस्पताल बेपरवाह
चूंकि जिला अस्पताल है, इसलिए यहां लगातार भीड़ रहती है। ICU भी लगातार भरा रहता है। यहां टॉयलेट में दरवाजा ना होने से मरीजों और परिजन को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। दिन हो या रात, मरीज के टॉयलेट जाने की स्थिति में उनके साथ वाले व्यक्ति को दरवाजे की आड़ करने के लिए खड़ा होना पड़ा। अस्पताल प्रशासन कई दिन तक इससे बेपरवाह बना रहा।
क्या बोले अटेंडर?
राधा कुशवाह का कहना है कि मरीज के अंदर जाते ही या तो टूटा दरवाजा पकड़कर खड़े रहते हैं या खाली जगह में चादर, शॉल लगा देते हैं। ऐसे में फिसलकर गिरने का खतरा भी रहता है। पूजा रघुवंशी के मुताबिक, मरीज को टॉयलेट जाने में भी परेशानी होती है। जब पेशेंट टॉयलेट के अंदर हो तो एक व्यक्ति को कपड़ा तानकर खड़े रहना पड़ता है। सुनीता सिंह कहती हैं कि मेरी बेटी फेफड़ों के इन्फेक्शन के चलते एडमिट है। टॉयलेट में दरवाजा ना होने से मरीज के साथ दो-तीन अटेंडरों को रहना पड़ता है।
क्या है मामला?
कुछ समय पहले ही आईसीयू के टॉयलेट को ऊंचा किया गया था। 3 दिन पहले टॉयलेट का दरवाजा टूट गया। मरीजों के परिजन ने या तो टूटे दरवाजे को पकड़कर आड़ की या फिर हाथों से चादर का पर्दा बनाकर खड़े रहे। रोज डॉक्टर और नर्स इस समस्या को देखते रहे, लेकिन किसी ने कुछ नहीं करवाया। लोगों ने वीडियो बनवाकर वायरल किया, तब अस्पताल प्रबंधन की आंख खुली।
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