अशोकनगर. जिले के मुंगावली अस्पताल की डॉ. नीलिमा और उनके डॉक्टर पति योगेंद्र सिंह इस वक्त अपनी दो बेटियों के साथ मंदिर में रहने को मजबूर हैं। सरकारी डॉक्टर दंपती को प्रशासन ने उनके सरकारी आवास निकाल दिया है। उनसे सरकारी आवास नई बिल्डिंग बनने के चलते खाली करवा गया है। कुछ दिन पहले डॉक्टर योगेंद्र सिंह और उनकी पत्नी डॉ. नीलिमा को आवास खाली कराने के लिए नोटिस मिला था।
मुख्यमंत्री से मिलने नहीं दिया: दोनों डॉक्टर मुंगावली अस्पताल में ही तैनात हैं। डॉ. नीलिमा और डॉ. योगेंद्र ने दूसरे आवास के लिए प्रशासन से मदद मांगी, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई। कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान देवास आए थे, तो दंपती वहां मुख्यमंत्री से मिलने गए, लेकिन अधिकारियों ने सीएम से मिलने नहीं दिया।
बेटियों संग हनुमान मंदिर में जमाया डेरा: आखिर में परेशान होकर डॉ. योगेंद्र और डॉ. नीलिमा अपनी दोनों बेटियों के साथ सरकारी आवास खाली करके 5 किमी दूर पंचपिपली के हनुमान मंदिर में रहने चले गए। 23 जनवरी को उन्होंने अपना सामान मंदिर में रख दिया। उन्होंने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी फोन पर बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
ये बोले डॉक्टर योगेंद्र: कुछ दिन पहले नोटिस मिला। हमने अधिकारियों से बात की तो उन्होंने बताया कि नई बिल्डिंग को पुरानी बिल्डिंग से जोड़ना है, इसलिए घर खाली करें। पत्नी महिलाओं की डॉक्टर हैं, मैंने कलेक्टर से दूसरे घर के लिए कहा, क्योंकि उसे रात में भी काम करना पड़ता है। लेकिन कलेक्टर ने मकान के लिए मना कर दिया।
ये बोले SDM: एसडीएम राहुल गुप्ता ने बताया कि वहां हॉस्टल बनना है। हमारे लिए अस्पताल पहली जिम्मेदारी है, इसलिए हमने उन्हें घर खाली करने के लिए समझाया। जब वो नहीं माने तो उन्हें बेदखली का नोटिस दिया। बाकी डॉक्टर्स भी अपने-अपने तरीके से रह रहे हैं। रही बात दूसरे आवास की तो जरूरी नहीं है कि हमेशा आवास मिले, अगर खाली होगा तो आवास जरूर दिया जाएगा।