जबलपुर. मध्यप्रदेश के बीजेपी (BJP) विधायक अजय विश्नोई बीते कुछ दिनों से अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। इस बार उन्होंने खराब सड़कों के मुद्दे पर शिवराज सरकार (Shivraj govt) को आड़े हाथ लिया है। विश्नोई ने ट्वीट किया- धन्यभाग भोपाल की सड़कों का @CMMadhyaPradesh मुख्यमंत्री जी की नजरें इनायत हो गई। उम्मीद है बाकी प्रदेश की सड़कों पर मुख्यमंत्री जी की नजर जल्द पड़ेगी।
द सूत्र ने बनाया था मुद्दा, शिवराज ने लिया एक्शन
द सूत्र राजधानी भोपाल (Bhopal) की खस्ताहाल सड़कों से जुड़े लोगों के दर्द को बताया था। हमारी रिपोर्टिंग टीम ने शहर के अलग-अलग इलाकों में जाकर बताया कि सड़कों में कितने बड़े बड़े गड्ढे हो चुके हैं। इससे लोग किस हद तक परेशान हैं। रिपोर्टर्स ने ऑन स्पॉट खड़े होकर सड़क बनाने वाले विभागों के जिम्मेदार अधिकारियों से बात की तो वे सड़कों के खराब होने का ठीकरा एक-दूसरे पर फोड़ते नजर आए। यह भी बताया कि राजधानी में सड़कों के मेंटेनेंस का काम चार अलग-अलग एजेंसियों के पास है। इनमें आपस में कोई तालमेल नहीं है।
द सूत्र ने एजेंसियों के बीच समन्वय न होने का मसला जिस प्रमुखता से उठाया उसके बाद खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (cm shivraj singh chouhan) ने भोपाल की सड़कों को लेकर समीक्षा बैठक की। उन्होंने एजेंसियों की संख्या कम करते हुए राजधानी परियोजना प्रशासन यानी सीपीए को खत्म करने का ऐलान किया।
विश्नोई लगातार सरकार को आड़े हाथ ले रहे
7 अगस्त को विश्नोई ने शिवराज को चिट्ठी लिखी- प्रदेश में विद्युत व्यवस्था जर्जर हो चुकी है। आम उपभोक्ता (Consumers) विशेष तौर पर कृषि और ग्रामीण उपभोक्ता प्रदेश सरकार द्वारा दी जा रही हजारों करोड़ रुपए की सब्सिडी से सीधे प्रभावित नहीं होता, परंतु मेंटेनेंस के अभाव से पैदा होने वाले विद्युत व्यवधान से व्यथित होकर सरकार से नाराज होता है। विद्युत नियामक आयोग (Regulatory commission) द्वारा मेंटेनेंस की प्रस्तावित राशि का 25% से भी कम दिया जा रहा है। इसके कारण प्रदेश बिजली वितरण (Electricity Distribution) लड़खड़ा गया है।
BJP विधायक विश्नोई का तंज: भोपाल की सड़कों का धन्यभाग, CM की इनायत हुई
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जबलपुर. मध्यप्रदेश के बीजेपी (BJP) विधायक अजय विश्नोई बीते कुछ दिनों से अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। इस बार उन्होंने खराब सड़कों के मुद्दे पर शिवराज सरकार (Shivraj govt) को आड़े हाथ लिया है। विश्नोई ने ट्वीट किया- धन्यभाग भोपाल की सड़कों का @CMMadhyaPradesh मुख्यमंत्री जी की नजरें इनायत हो गई। उम्मीद है बाकी प्रदेश की सड़कों पर मुख्यमंत्री जी की नजर जल्द पड़ेगी।
द सूत्र ने बनाया था मुद्दा, शिवराज ने लिया एक्शन
द सूत्र राजधानी भोपाल (Bhopal) की खस्ताहाल सड़कों से जुड़े लोगों के दर्द को बताया था। हमारी रिपोर्टिंग टीम ने शहर के अलग-अलग इलाकों में जाकर बताया कि सड़कों में कितने बड़े बड़े गड्ढे हो चुके हैं। इससे लोग किस हद तक परेशान हैं। रिपोर्टर्स ने ऑन स्पॉट खड़े होकर सड़क बनाने वाले विभागों के जिम्मेदार अधिकारियों से बात की तो वे सड़कों के खराब होने का ठीकरा एक-दूसरे पर फोड़ते नजर आए। यह भी बताया कि राजधानी में सड़कों के मेंटेनेंस का काम चार अलग-अलग एजेंसियों के पास है। इनमें आपस में कोई तालमेल नहीं है।
द सूत्र ने एजेंसियों के बीच समन्वय न होने का मसला जिस प्रमुखता से उठाया उसके बाद खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (cm shivraj singh chouhan) ने भोपाल की सड़कों को लेकर समीक्षा बैठक की। उन्होंने एजेंसियों की संख्या कम करते हुए राजधानी परियोजना प्रशासन यानी सीपीए को खत्म करने का ऐलान किया।
विश्नोई लगातार सरकार को आड़े हाथ ले रहे
7 अगस्त को विश्नोई ने शिवराज को चिट्ठी लिखी- प्रदेश में विद्युत व्यवस्था जर्जर हो चुकी है। आम उपभोक्ता (Consumers) विशेष तौर पर कृषि और ग्रामीण उपभोक्ता प्रदेश सरकार द्वारा दी जा रही हजारों करोड़ रुपए की सब्सिडी से सीधे प्रभावित नहीं होता, परंतु मेंटेनेंस के अभाव से पैदा होने वाले विद्युत व्यवधान से व्यथित होकर सरकार से नाराज होता है। विद्युत नियामक आयोग (Regulatory commission) द्वारा मेंटेनेंस की प्रस्तावित राशि का 25% से भी कम दिया जा रहा है। इसके कारण प्रदेश बिजली वितरण (Electricity Distribution) लड़खड़ा गया है।