सुनील शुक्ला/अरुण तिवारी, BHOPAL. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Union Road Transport Minister Nitin Gadkari) ने मप्र के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस (Chief Secretary Iqbal Singh Bais) को एक पत्र लिखकर ट्रांसपोर्ट विभाग (Transport Department) की चेकपोस्ट पर ट्रकों से होने वाली अवैध वसूली (illegal recovery) के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रोक लगाने का आग्रह किया है। लेकिन प्रदेश में बीजेपी के नेता ही गडकरी के पत्र को ही फेक यानी झूठा बताने में जुट गए हैं। जबकि द सूत्र से बातचीत में केंद्रीय परिवहन मंत्रालय (Union Ministry of Transport), नई दिल्ली में तैनात एक अफसर और नितिन गडकरी के नागपुर स्थित कैंप ऑफिस ने पत्र के असली होने की पुष्टि की है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 16 जुलाई को ये पत्र मप्र के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस को लिखा था और इस पत्र में लिखा कि मप्र के चेक पोस्ट पर वाहनों से अवैध वसूली की जा रही है.. इसे तत्काल रोका जाए.. ये पत्र जब सामने आया तो हड़कंप मच गया क्योंकि बीजेपी के ही केंद्रीय मंत्री ने बीजेपी की प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली को ही कटघरे में खड़ा कर दिया था। कांग्रेस ने इस पत्र को सोशल मीडिया पर वायरल किया और प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा.. लेकिन अब बीजेपी नेता इस पत्र को फर्जी बताने में जुटे हैं.. बीजेपी नेता हितेष वाजपेयी (BJP leader Hitesh Vajpayee) ने राज्यसभा सांसद विवेक तनखा (Rajya Sabha MP Vivek Tankha) के ट्वीट को टैग करते हुए लिखा कि फेक न्यूज से सावधान ऐसा कोई लैटर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नहीं लिखा.. सरकार की छवि खराब करने की नीयत से कुछ असामाजिक तत्व इसे वायरल कर रहे हैं.. नीचे लिखा कि इस पत्र को आगे फारवर्ड ना करें... बीजेपी नेता सोशल मीडिया पर खुद ही फेक न्यूज फैला रहे हैं... क्योंकि द सूत्र ने इस पूरे मामले की पड़ताल की है... गडकरी ने अपने पत्र में नागपुर बीजेपी के महामंत्री जेपी शर्मा का जिक्र किया है कहा है कि उन्होंने शिकायत की इसलिए वो ये पत्र लिख रहे हैं.. द सूत्र ने जेपी शर्मा से फोन पर बातचीत की तो उन्होंने तसदीक की कि 16 जुलाई को उनकी केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात हुई थी।
द सूत्र से क्या बोलें जेपी शर्मा
''16 जुलाई को हमारी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जी से मुलाकात हुई थी। मुलाकात के वक्त हमने बताया कि गाड़ी के सारे कागजात पूरे होने के बाद भी और गाड़ी अंडरलोड होने के बाद भी मप्र के चेकपोस्ट पर परिवहन विभाग गाड़ियों से 500 रु. लेकर तीन हजार रुपए तक अवैध वसूली कर रहा है खासतौर पर मुरैना,खवासा, चिरौल, मालथौन चेकपोस्ट पर वसूली हो रही है और पैसा न देने पर ड्राइवरों के साथ मारपीट भी की जाती है।''
द सूत्र ने सड़क परिवहन मंत्रालय के अधिकारी से की तसदीक
इसके बाद द सूत्र ने दिल्ली स्थित सड़क परिवहन मंत्रालय के दफ्तर में फोन लगाया यहां मंत्रालय के अधिकारी से बातचीत हुई, अधिकारी ने कहा कि ये पत्र मंत्रीजी के नागपुर कैंप ऑफिस से जारी हुआ है और नागपुर कैंप ऑफिस का नंबर जो कि 07122727127 दिया और इसपर बात करने के लिए कहा
नागपुर कैंप ऑफिस बोला ये ऑफिशियल लैटर है
नागपुर कैंप ऑफिस के अधिकारी ने द सूत्र से कहा कि 16 जुलाई को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ही मप्र के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। ये ऑफिशियल लैटर है इसमें कोई शक शुबह की गुंजाइश नहीं है।
CS दफ्तर, CM दफ्तर ने नहीं किया खंडन
यहां सवाल ये उठता है कि आखिरकार बीजेपी नेता इस पत्र को फेक बताने में क्यों जुटे हैं जबकि मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस के दफ्तर की तरफ से कोई खंडन आया नहीं कि ये पत्र झूठा है। इसी तरह सीएम सचिवालय और न ही परिवहन मंत्री के दफ्तर से भी किसी तरह का खंडन किया गया कि ये पत्र झूठा है।
क्या लिखा था पत्र में
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस को जो पत्र लिखा था उसमें उन्होंने साफ लिखा कि मप्र के आरटीओ अधिकारी और कर्मचारी चेक पोस्ट पर एंट्री के नाम पर बड़े पैमाने पर रिश्वतखोरी कर रहे हैं। गाड़ी के सारे कागजात ठीक पाए जाने के बाद किसी तरह की एंट्री भरवाने का प्रावधान नहीं है। इसके बावजूद ट्रक ड्राइवर्स और मालिकों को परेशान किया जाता है। इससे पहले भी मैंने इस विषय पर ध्यान देने के लिए कहा था लेकिन समस्या का कोई हल अभी तक नहीं निकला है इसकी वजह से मप्र का नाम खराब हो रहा है।