भोपाल. यहां 26 नवंबर को 5 सदस्यों वाले एक परिवार के जहर पीने की बात सामने आई थी। इसमें दादी और पोती की मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक, ऑटो पार्ट्स व्यापारी संजीव जोशी के नाम पर तीन प्लॉट, दो दुकान और एक मकान हैं। इसके बावजूद परिवार को जहर पीना पड़ गया। सूदखोरों के जाल में फंसे संजीव ने बेटी और मां को खो दिया, जबकि दंपती और बड़ी बेटी अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। उनके दोस्तों ने बताया कि सूदखोरों ने उन्हें इतना प्रताड़ित, अपमानित किया कि वे मानसिक तौर पर टूट गए। हंसता-खेलता परिवार देखते-देखते डिप्रेशन में चला गया। परिवार को सूदखोरों के जाल से बाहर निकलने के लिए कुछ समझ नहीं आ रहा था।
सूदखोर वक्त नहीं दे रहे थे
करीबी दोस्त राकेश सिंह के मुताबिक, अशोका गार्डन की रहने वाली सूदखोर महिला बबली, पिंकी ने उन्हें इतना धमकाया कि संजीव को आनंद नगर वाला घर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसके लिए उन्होंने 36 लाख में घर का सौदा भी कर लिया था, लेकिन सूदखोर वक्त देने को राजी नहीं थे। आखिरकार, जहर खाकर जिंदगी खत्म कर लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। अकेले भोपाल में ही उनके पास सवा करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी है।
2 लाख रुपए का हर हफ्ते 10 हजार ब्याज
संजीव ने घर बनाने के लिए बैंक से लोन ले रखा है। हर महीने 35 हजार किस्त जाती है। कोरोना काल में दुकान से आमदनी नहीं होने पर उन्होंने बबली, राजू राय, लक्ष्मी राय, ममता शर्मा से कर्ज लिया। कर्ज पर 2% ब्याज देना भी तय हुआ। बाद में सूदखोर ब्याज बढ़ाते गए। हालत यह हो गई कि हर हफ्ते 10 हजार रुपए ब्याज मांगने लगे। बबली शर्मा 2 लाख रुपए का हर हफ्ते 10 हजार ब्याज ले रही थी, जबकि संजीव उसका पूरा पैसा अदा कर चुका था। इसके बावजूद वह ब्याज मांग रही थी। वह अब उनसे 3 लाख 20 हजार रुपए और मांग रही थी।
संजीव से बबली ने कहा कि इसी महीने बेटी की शादी करनी है। इसके लिए वह पैसा देने का दबाव डालती थी। नहीं देने पर गुंडों से वसूली करवाने की बात कहती थी। वह देर रात तक उनके घर में डेरा डाले रहती थी। घर के बाहर खड़े होकर मोहल्ले वालों को चीख-चीखकर बताती थी कि संजीव उसका कर्ज नहीं पटा रहा। परिवार को इतना जलील करती थी कि सब उससे परेशान हो गए।
परिवार का प्रोफाइल
1. संजीव जोशी: ऑटो पार्ट्स के व्यापारी। पिपलानी में बड़ी दुकान।
2. नंदिनी जोशी (मां): प्राइवेट स्कूल में टीचर रहीं। फिलहाल मौत हो गई। पति का कई साल पहले ही निधन हो चुका है।
3. अर्चना जोशी (पत्नी): तीन साल पहले तक खुद का स्कूल चलाया। घर में किराने की दुकान।
4. ग्रीष्मा जोशी (बड़ी बेटी): एलएनसीटी कॉलेज से B.Tech कर रही है।
5. पूर्वी जोशी (छोटी बेटी): प्राइवेट स्कूल में 10वीं की छात्रा। घटना में मौत हो गई।
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