भोपाल. यहां के कमला नेहरू अस्पताल के स्पेशल न्यूबोर्न केयर यूनिट्स (SNCU) में 8 नवंबर रात 9 बजे आग लग गई थी। इसमें 12 नवजातों की मौत की सूचना है, पर सरकार 4 के आंकड़े पर अड़ी है। 10 नवंबर को घटना के 43 घंटे बाद सरकार ने कार्रवाई की। इसमें गांधी मेडिकल कॉलेज (GMC) के डीन डॉ. जितेन शुक्ला, हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक (Hamidia Superintendent) डॉ. लोकेंद्र दवे, गैस राहत विभाग के संचालक केके दुबे को पद से हटा दिया गया है। कमला नेहरू अस्पताल की बिल्डिंग गैस राहत विभाग के अंडर में है, लिहाजा संचालक केके दुबे पर गाज गिरी है। वहीं, CPA की विद्युत यांत्रिकी विंग के सब इंजीनियर अवधेश भदौरिया को सस्पेंड कर दिया गया है।अब डॉ. अरविंद राय GMC के नए डीन होंगे। वहीं, डॉ. दीपक मरावी को हमीदिया का नया अधीक्षक बनाया जा रहा है। डॉ. राय सर्जरी विभाग के HOD हैं। डॉ. मरावी ऑर्थोपीडिक्स के सीनियर डॉक्टर हैं।
हादसे पर कांग्रेस हमलावर
कांग्रेस का आरोप है कि मौत का असली आंकड़ा छिपाया जा रहा है। 8 नवंबर की रात अस्पताल के थर्ड फ्लोर पर स्थित बच्चा वार्ड (child ward Fire) में आग लगी। मशीनें जलकर खाक हो गईं और वार्ड में धुआं भर गया था। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजन को 4-4 लाख का मुआवजा (Compensation) देने का ऐलान किया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने हादसे की उच्च स्तरीय जांच के निर्देश दिए थे। एसीएस लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मोहम्मद सुलेमान जांच करेंगे।
एक नर्स की आंखों देखी
एक नर्स बबीता पंवार बताती हैं- 8 नवंबर को मेरी SNCU वार्ड में नाइट ड्यूटी थी। रात 8:30 बजे थे। वार्ड में करीब 20 बच्चे भर्ती थे। यहां एक बच्चा सीरियस हालत में आया। उसे वेंटिलेटर की जरूरत थी। मैं बच्चे को टोपा लगा रही थी। वार्ड बॉय वेंटीलेटर लेकर आए। जैसे ही डॉक्टर ने वेंटीलेटर चालू किया, उसमें आग लग गई। मैं तुरंत बच्चे को उठाकर ले गई। वहां मौजूद डॉक्टर ने आग बुझाने वाले सिलेंडर से आग पर काबू पाने की कोशिश की। अचानक धुआं फैलने लगा।