राहुल शर्मा, भोपाल। अब तक आपने देखा कि कलियासोत (Kaliyasote) के सीने पर किस तरह अतिक्रमण (Encroachment) कर इसे धीरे-धीरे खत्म किया जा रहा है। कलियासोत का कत्ल करने के लिए बिल्डर (Builders) तो जिम्मेदार हैं ही, लेकिन वे एजेंसी और अधिकारी ज्यादा बढ़े गुनहगार हैं, जिन्होंने बिल्डिंग बनाने की परमीशन (Permission) दी। जब कलियासोत के सीने पर अतिक्रमण हो रहा था, ये खामोश थे। जब ग्रीन बेल्ट खत्म किया जा रहा था, ये चुप थे। इनकी इसी खामोशी और चुप्पी का नतीजा है कि आज कलियासोत पर 500 से ज्यादा अतिक्रमण हैं। पहले ये समझिए कि कलियासोत के कत्ल के लिए जिम्मेदार कौन है? क्रेडाई के पूर्व चेयरमेन मनोज सिंह मीक ने बताया कि बिल्डिंग बनाने के लिए कई विभाग से एनओसी (NOC) लेनी होती है। पर सबसे ज्यादा टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (T&CP) और नगर निगम (Nagar Nigam) महत्वपूर्ण है। लेंड यूज देखकर टीएंडसीपी से लेआउट अप्रूव (Approve) कराना होता है। इसके बाद नगर निगम बिल्डिंग बनाने की परमीशन देता है। टीएंडसीपी और नगर निगम मॉनिटरिंग करता है।
भवन अनुज्ञा ने भी किया खेल
नगर निगम की भवन अनुज्ञा शाखा (Building Permit Branch) ने भी जमकर खेल किया। ग्रीन बेल्ट पर बिल्डिंग बनाने की परमीशन तो दी ही, साथ ही कम्प्लीशन सर्टिफिकेट भी दे दिया। निगम द्वारा कम्प्लीशन सर्टिफिकेट मिलने से बिल्डर ने अपने बंधक रखे हुए प्लॉट, फ्लैट, ड्यूप्लेक्स छुड़ा लिए और उन्हें बेचकर बिल्डर वहां से चला गया। जो लोग ठगे गए, अब उनके पास अधिकारी और दफ्तरों के चक्कर काटने के अलावा कोई विकल्प (Option) नहीं है।
जाहिर सी बात है जब लेआउट पास कराने से लेकर बिल्डिंग परमीशन देने और फिर उसकी मॉनिटरिंग करने की जिम्मेदारी टीएंडसीपी और नगर निगम की है तो यह आपसी सांठगांठ के संभव नहीं। बिल्डर और बीडीए के अधिकारी तो यही कह रहे हैं कि उनके पास तो टीएंडसीपी और निगम की परमीशन है। मतलब असल गुनहगार तो ये ही हुए।
जिम्मेदारों ने क्या कहा....
T&CP के कमिश्नर अजीत कुमार ने ऑन कैमरा तो कुछ नहीं कहा पर इतना जरूर बताया कि हमारा काम लेंड यूज तय करना है, ग्रीन बेल्ट पर निर्माण की अनुमति देना नहीं। नगर निगम भोपाल (Bhopal Muncipal Corporation) के कमिश्नर बीएस कोसलानी ने जिम्मेदारी से बचते हुए T&CP को दोषी ठहरा दिया। उन्होंने कहा कि नगर निगम बिल्डिंग परमीशन T&CP से परमीशन मिलने के बाद देता है। हालांकि, कोसलानी ने यह भी कहा कि यदि T&CP की परमीशन में ग्रीन बेल्ट जितना छोड़ने के लिए कहा गया था, उतना नहीं छोड़ा गया तो ऐसी सोसाइटी को चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी।
कलियासोत का कत्ल-10: जिम्मेदार ही नदी में छोड़ रहे मलमूत्र, इससे ग्राउंड वॉटर पर भी असर