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भोपाल. पूरा देश दिवाली मना रहा है, लेकिन मध्य प्रदेश में आशा, ऊषा और सहयोगी कार्यकर्ता 4 नवंबर को धरना देंगी। इनका कहना है कि मध्य प्रदेश सरकार का 4 महीने बाद भी वेतन वृद्धि का आश्वासन पूरा नहीं हुआ। वहीं, पुलिस ने टीकमगढ़, छतरपुर से आई महिलाओं को देर रात भोपाल रेलवे स्टेशन से हिरासत में ले लिया।
सरकार के दिवाली गिफ्ट को भूलेंगे नहीं
आशा, ऊषा और आशा सहयोगिनी श्रमिक संघ की प्रदेशाध्यक्ष लक्ष्मी कौरव ने कहा कि हमारी कार्यकर्ता दिवाली पर दीए जलाने के लिए भोपाल आई हैं। पुलिस ने 62 सदस्यों को रात को ही गिरफ्तार कर लिया। उनके साथ बच्चे भी है। उनके मोबाइल भी ले लिए है, जिससे संपर्क नहीं हो पा रहा। कई टीमें अपने-अपने जिलों से भोपाल के नीलम पार्क पहुंचेंगी। यहां हम धरना देंगे। सरकार के दीपावली के गिफ्ट को हम भूलेंगे नहीं। सरकार हमारा दमन कर रही है। उनका सोचना है कि इस कार्रवाई से हमारे हौसले पस्त हो जाएंगे। हम सरकार से कहना चाहते है कि आपके एक बार के दमन से हमारे हौसले सौ बार बुलंद होते है।
लक्ष्मी ने आगे ये भी कहा कि मुख्यमंत्री दीपावली से पहले कर्मचारियों को महंगाई भत्ता और वेतन वृद्धि का तोहफा देकर शुभकामनाएं दे रहे हैं, लेकिन सबसे तनख्वाह और जान जोखिम में डाल कर काम करने वाली कोरोना योद्धा, आशा, ऊषा एवं सहयोगी को सरकार ने कुछ नहीं दिया। अगर दिवाली पर मांगों को पूरा नहीं किया तो 5 नवंबर से अनिश्चितकाल के लिए धरने पर बैठेंगे।
ये हैं मांगें?
लक्ष्मी कौरव के मुताबिक, नेशनल हेल्थ मिशन की पूर्व डायरेक्टर छवि भारद्वाज ने आशा कार्यकर्ता को 10 हजार और सहयोगी कार्यकर्ता को 15 हजार देने का प्रपोजल विभाग को भेजने की बात स्वीकार की थी। विभाग को भेजे प्रस्ताव में आशा सहयोगी को 25 दिनों की जगह पूरे 30 दिनों का पेमेंट किया जाएगा। सहयोगी को सुपरवाइजर का दर्जा दिया जाएगा। ANM को भर्ती में स्पेशल वेटेज दिया जाएगा। गवर्मेंट और प्राइवेट सेक्टर में एएनएम डिप्लोमा की हुई आशा वर्कर को एएनएम में सीधी भर्ती होगी। यूनिफॉर्म और अन्य मदों में रुका हुआ पैसा समय पर दिया जाएगा। कोविड का भुगतान किया जाएगा। कोविड-19 में मृतक आशा कार्यकर्ताओं को 50 लाख के बीमे में शामिल किया जाएगा।