भोपाल. राजधानी भोपाल (Bhopal) की इकलौती नदी कलियासोत (Kaliyasot River) को बचाने के लिए प्रदेश के सबसे प्रतिष्ठित और विश्वसनीय डिजिटल मीडिया हाउस द सूत्र (TheSootr) द्वारा चलाए जा रहे सेव कलियासोत (#SaveKaliyasot) कैंपेन के तहत रविवार, 24 अक्टूबर को कलियासोत डेम के पास स्वच्छता अभियान चलाया गया। यहां जुटे जागरूक लोगों ने सुबह 7 बजे से 8.30 तक श्रमदान कर साफ-सफाई की। अभियान की इस कड़ी में शहर के कई पर्यावरण प्रेमी, गणमान्य नागरिक और पर्यावरण बचाओ अभियान के सदस्य शामिल हुए।
कलियासोत को बचाने की शपथ भी ली
कलियासोत डैम पर जमा हुए लोगों ने आस-पास बिखरी गंदगी और पॉलिथीन बीनकर नदी को बचाने के लिए लगातार श्रमदान करने और अभियान के प्रति अन्य नागरिकों को भी जागरूक करने की शपक्ष ली। इस दौरान पर्यावरण बचाओ अभियान से शरद सिंह कुमरे, आनंद पटेल, डॉ रचना डेविड, रमेश वंजारी, विवेक सक्सेना, अंजीता सबलोक, अमित सबलोक, डॉ. पल्लवी आठे, डॉ. प्रतीक आठे, अफताब आलम हाशमी, अमन पुषाम, सुधा पुसाम, राजनंदनी कुमरे, सौरभ राजपूत, मीत पुसाम सहित बड़ी संख्या में जागरूक नागरिक मौजूद रहे।
कलियासोत को सहेजना भोपाल के हर नागरिक की नैतिक जिम्मेदारी
श्रमदान में सहभागी बनीं दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा राजनंदनी कुमरे ने कहा कि भोपाल देश की ग्रीनेस्ट सिटी में से एक है। हमें उसे मेंटेन करना होगा। हमें शहर की एकमात्र नदी कलियासोत को कचरा और सीवेज मुक्त बनाना है। इसे भविष्य के लिए बचाना होगा। वहीं, एक अन्य युवा मीत पुसाम ने कहा कि वह सेव कलियासोत अभियान से प्रेरित होकर इसमें अपना योगदान देने कि लिए आगे आया है। उन्होंने अभियान में लगातार सहयोग और श्रमदान करने की बात कही।
नदी के ग्रीन बेल्ट में बिल्डर्स का अतिक्रमण सबसे बड़ा खतरा
पर्यावरणविद एवं सोशल एक्टिविस्ट शरद सिंह कुमरे ने इस अवसर पर शहर के सभी नागरिकों से कलियासोत को बचाने के अभियान से जुड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि हम सभी को मिलकर कलियासोत को नदी से सीवेज बहाकर ले जाने वाला नाला बनने से रोकना है। इसके लिए हमें द सूत्र के साथ मिलकर उन बिल्डरों के खिलाफ भी आवाज उठानी होगी जो इसके किनारे पर बेखौफ अतिक्रमण कर इसका गला घोंटने का प्रयास कर रहे हैं। उनके अलावा सौरभ कुमार ने भी शासन-प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए अभियान से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने की बात पर जोर दिया।
कचरा और गंदगी इतनी कि मार्निंग वॉक करना भी मुश्किल
अभियान में शामिल डॉ. रचना डेविड ने कहा कि काफी सालों से हम कलियासोत के किनारे मार्निंग वॉक करने आ रहे हैं, लेकिन कुछ समय से यहां कचरा इतना ज्यादा हो गया है कि मार्निंग वॉक करना भी मुश्किल है। यह सभी शहरवासियों की जिम्मेदारी है कि कलियासोत और उसके आसपास का वातावरण कचरा मुक्त हो। सुधा पुसाम ने कहा कि कलियासोत को बचाने के लिए सभी को एकजुट होकर आगे आना होगा।
भोपाल के पर्यावरण के लिए कलियासोत का संरक्षण-संवर्धन जरूरी
अमन पुसाम ने कहा कि भोपाल के बाशिंदों को विरासत के रूप में इतनी कुदरती हरियाली और बेहतर पर्यावरण मिला है। अतः उनकी नैतिक जिम्मेदारी है कि वे इसे आगे आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित कर सहेजें। पल्लवी आठे ने कहा कि भोपाल के पर्यावरण की बेहतरी के लिए कलियासोत नदी का संरक्षण और संवर्धन बहुत जरूरी है। प्रतीक आठे ने कहा कि द सूत्र की टीम ने सेव कलियासोत अभियान शुरू कर एक जिम्मेदार मीडिया हाउस के रूप में समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया है।