भोपाल. मध्य प्रदेश उपचुनाव के महज 6 दिन पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा। खरगोन जिले की बड़वाह सीट से कांग्रेस विधायक सचिन बिड़ला बीजेपी में शामिल हो गए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सभा में पहुंचकर सचिन ने पार्टी की मेंबरशिप ली। सचिन को बीजेपी में लाने में मांधाता विधायक नारायण पटेल की बड़ी भूमिका बताई जा रही है। नारायण खुद गुर्जर समुदाय से हैं।
गुर्जर सीटों पर सीधा असर
सचिन के भाजपा में शामिल होने के बाद खंडवा लोकसभा उपचुनाव में तीन विधानसभाओं बड़वाह, मांधाता और पंधाना में गुर्जर वोट बैंक पर असर आएगा। खंडवा लोकसभा में गुर्जर समाज के तकरीबन डेढ़ लाख मतदाता हैं। सचिन के बीजेपी में शामिल होने की खबर देर रात लीक होने के बाद से कांग्रेस नेता उनसे संपर्क करने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन सचिन अज्ञात स्थान पर चले गए। उन्होंने मोबाइल भी बंद कर लिया था। गुर्जर वोट बैंक को साधने के लिए कांग्रेस ने सचिन पायलट को भी बुलाया है। वे 27 अक्टूबर को खंडवा आने वाले हैं, इसकी पूरी तैयारी सचिन बिड़ला ही कर रहे थे। ऐसे में पायलट के खंडवा आने से ठीक तीन दिन पहले सचिन के बीजेपी में जाने से कांग्रेस का गणित गड़बड़ा गया है।
दिग्विजय ने कहा- शाह, मोदी और मामू को नकेल डालने की जरूरत
24 अक्टूबर को खंडवा में प्रचार करने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि ये सबक सिखाने का समय है। हल हांकते हो तो बैल के नकेल डालते हो कि नहीं, ये छुट्टा सांड हो गए हैं शाह, मोदी और मामू (शिवराज सिंह चौहान)। इनमें नकेल डालने की जरूरत है। नकेल कब डलेगी? 30 को चुनाव में कांग्रेस के बटन दबाने से होगी। नहीं तो और खाद महंगा कर देंगे। उन्हें लगाता है ये मर जाएंगे, लेकिन वोट हमें ही देंगे। आप बताइए नकेल डालना है कि नहीं डालना है।