देवास: 10 साल की बच्ची के मर्डर दोषी को फांसी;पहले गला घोंटा, फिर शव से रेप किया

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Atul Tiwari
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देवास: 10 साल की बच्ची के मर्डर दोषी को फांसी;पहले गला घोंटा, फिर शव से रेप किया

Dewas. यहां के खातेगांव एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज (ADJ) कोर्ट ने 10 साल की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के मामले में दोषी को फांसी की सजा सुनाई है। व्यक्ति गलत इरादे से बच्ची को अपने साथ ले गया था। जबर्दस्ती करने पर बच्ची चिल्लाई तो उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी। फिर उसके शव के साथ दुष्कर्म किया। बच्ची के शव को सीमेंट की बोरियों से ढक कर वहां से भाग गया। फैसला सुनाते हुए जज ने कहा- समाज को ऐसी विकृत मानसिकता के व्यक्ति से बचाना जरूरी है। इसलिए इसे समाज से अलग करने के लिए ऐसी सजा जरूरी है।



‘आरोपी ने बच्ची को जो पीड़ा दी, वो कल्पना से परे’



कोर्ट ने अपने आदेश में कहा- आरोपी का यह काम उसकी निर्दयतापूर्ण कामेच्छा को दिखाता है। उसने ऐसी बच्ची को लक्ष्य बनाया, जिसे दुनिया देखनी थी। आरोपी ने मृत बालिका को जो पीड़ा व यंत्रणा दी है, वह कल्पना से परे है। यह हिंसा की पराकाष्ठा है। लिहाजा अभियुक्त के साथ नरमी बरतना न्यायोचित नहीं है, बल्कि उसे समाज से अलग करना जरूरी है, क्योंकि वह समाज के लिए घातक है। मामले की परिस्थितियों और सामाजिक परिवेश को देखते हुए मामला विरल से विरलतम (रेयरेस्ट ऑफ द रेयर) की श्रेणी में आता है। इसमें मृत्युदंड दिया जा सकता है, जो न्यायोचित भी है।



बहुत तेजी से हुई कार्रवाई



इस मामले को रेयरेस्ट मानकर फास्टट्रैक कोर्ट में चलाया गया। तब खातेगांव टीआई एमएस परमार और उनकी टीम ने 24 घंटे में आरोपी को पकड़ा और 1 महीने के भीतर चालान पेश कर दिया। घटना के महज 6 महीने 12 दिन (193 दिन) में कोर्ट ने 19 मई को फैसला सुना दिया। यह पहली बार है, जब खातेगांव कोर्ट ने किसी आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है। बच्ची के परिवारवालों ने कहा कि आज हमारी बेटी को न्याय मिल गया।



ये है मामला



7 नवंबर 2021 को खातेगांव की बागड़ी कॉलोनी में निर्माणाधीन मकान में 10 वर्षीय बच्ची का शव संदिग्ध हालत में मिला था। बच्ची का शव देखने के बाद परिवारवालों ने उसके साथ दुष्कर्म की संभावना जताई थी। पहले पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया। दो दिन बाद दुष्कर्म/पॉक्सो की धाराएं बढ़ाई गई थीं।



आरोपी बच्ची को निर्माणाधीन मकान में ले गया था, जहां उसने दुष्कर्म की कोशिश की। जब बच्ची चिल्लाने लगी तो उसने गमछे से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। उसके शव के साथ रेप किया। फिर पहचान छिपाने के लिए शव को सीमेंट की बोरी से ढंक दिया और भाग गया। पुलिस ने मौके पर पहुंच सीमेंट की खाली बोरियां, जिनमें खून लगा हुआ था और मृतका के सिर के बालों का रबर बैंड जब्त किया।



मामला गंभीर था, लिहाजा TI महेंद्र सिंह परमार की अगुआई में विशेष टीम गठित की गई। पुलिस को कुछ चश्मदीदों से जानकारी मिली कि बच्ची को निर्माणाधीन मकान में दोपहर में गोलू के साथ देखा था। इसके बाद बच्ची के पिता की रिपोर्ट पर आरोपी गोलू उर्फ नरेंद्र (24) के खिलाफ हत्या समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया। आरोपी गोलू को उसके घर से 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार किया गया। उसने पूछताछ में जुर्म स्वीकार कर लिया।



बच्ची की मां ने पहचाना गमछा



बच्ची खातेगांव के ही एक निजी स्कूल में 5वीं क्लास में पढ़ती थी। पिता एक होटल में कर्मचारी हैं। आरोपी ने जिस गमछे का इस्तेमाल हत्या के लिए किया था, उसे बालिका की मां ने पहचान लिया था।



शाम को बेटी नहीं दिखी तो शुरू की तलाश



बच्ची के पिता के अनुसार, वह रविवार दोपहर 3 बजे घर से खाना खाकर लौटा। इसके बाद उसकी पत्नी सो गई। शाम 5 बजे जब वह जागी और उसे बेटी नहीं दिखी तो उसने अपने पति को जानकारी दी। पिता होटल से घर आए और उसे ढूंढना शुरू किया।



बच्ची के घर के पास निर्माणाधीन मकान में पहले आरोपी मजदूरी करता था। आरोपी आसपास की जगह से परिचित था। आरोपी का बच्ची के घर आना-जाना था। निर्माणाधीन मकान के पास ही बच्ची का घर था। आरोपी की बच्ची पर निगाह थी। मौका मिलते ही दुष्कर्म के इरादे से बच्ची को मकान में ले गया। पुलिस के मुताबिक, आरोपी गोलू पहले चोरी के दो और एक नकबजनी का केस भी दर्ज है।


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