भोपाल. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) के सरस्वती शिशु मंदिर को लेकर दिया गए बयान से राजनीति (Politics) गरमा गई है। अब 28 सितंबर को सरस्वती शिशु मंदिर (Sarasvati Shishu Mandir) के पूर्व छात्रों ने कांग्रेस नेता पर FIR कराई है। ये लोग भोपाल के जहांगीराबाद थाने में शिकायत करने पहुंचे। पूर्व छात्रों ने मामले में अब सड़क पर उतरने की चेतावनी दी है। इससे पहले 27 सितंबर को राष्ट्रीय बाल आयोग ने मध्य प्रदेश के DGP को दिग्विजय बयान मामले में चिट्ठी लिखी थी। दिग्विजय ने कहा था कि सरस्वती शिशु मंदिर में बच्चे नफरत का पाठ सीखते हैं।
दिग्विजय के बयान से बच्चों को ठेस लगी
राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने DGP विवेक जौहरी को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने कहा है कि दिग्विजय के बयान पर सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ने वाले कुछ बच्चों ने आयोग से नोटिस लेने का अनुरोध (Request) किया है। बच्चों का कहना है कि कांग्रेस नेता के बयान से उन्हें धक्का लगा है। कानूनगो ने ये भी कहा कि बच्चों की शिकायती से पता चलता है कि दिग्विजय की टिप्पणी (Comment) से उनके मान-सम्मान को ठेस लगी। उनकी टिप्पणी भारतीय दंड संहिता (IPS) की धारा 153A (A)(B), 504 व 505 का उल्लंघन है। इसके साथ ही किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धाराओं का उल्लंघन भी हुआ। हम चाहते हैं कि मामले में FIR कर 7 दिन में रिपोर्ट दें। आयोग ने बच्चों की शिकायत की प्रति भी DGP को भेजी। साथ ही बच्चों की पहचान को गोपनीय रखने को कहा।
सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ते हैं शिशु मंदिर
दिग्विजय ने 25 सितंबर को भोपाल में कहा था कि जिसने बचपन से सरस्वती शिशु मंदिर से लोगों के दिल और दिमाग में दूसरे धर्मों के खिलाफ नफरत पी हो। वही नफरत का बीज धीरे-धीरे आगे बढ़कर देश में सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ता है। सांप्रदायिक कटुता और धार्मिक उन्माद पैदा करता है। इससे देश में दंगे-फसाद होते हैं। केंद्र और राज्य सरकार की जनविरोधी नीतियों को लेकर 19 विपक्षी दलों ने प्रदर्शन किया था, जिसमें भोपाल के नीलम पार्क में दिग्विजय ने ये बयान दिया।