भोपाल. मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में किसानों को प्याज फसल लगाने के लिए उद्यानिकी विभाग (Horticulture Department) में अफसरों (Officer) ने प्याज बीज (Onion Seeds) की खरीदी तय दरों से दुगुने दामों में की थी। जब से इस घोटाले का खुलासा हुआ है, तभी से सरकार दबाने की कोशिश कर रही है। इस मामले में खुलासे के बाद राज्य की राजनीति में हड़कंप मच गया था। जिस के बाद अब सरकार ने उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग (Horticulture and Food Processing Department) की मुख्य सचिव कल्पना श्रीवास्तव (Chief Secretary Kalpana Srivastava) और उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण के आयुक्त सह संचालक मनोज कुमार अग्रवाल (Commissioner Manoj Kumar Agarwal) के बीच इसी मद्दे को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। क्योंकि इस कथित घोटाले में मुख्य आरोपी मनोज कुमार हैं। जबकि इस घोटाले का खुलासा प्रमुख सचिव कल्पना श्रीवास्तव ने किया था। प्रदेश सरकार (State Government) द्वारा जारी किए गए नए आदेश (Order) में दोनों को हटा दिया गया है।
ये आदेश जारी हुआ
मामले की जांच EOW द्वारा की जा रही है। इस घोटाले में खुलासा होने के बाद दोनों अधिकारी एक दूसरे की शिकायतें कर रहे थे। मनोज कुमार (IFS) को उनके मूल विभाग में भेज दिया गया है। जबकि कल्पना श्रीवास्तव को जीडी पोल (कोई विभाग नहीं दिया) में पदस्थ किया गया है। ज्ञातव्य हो कि राज्य शासन ने उद्यानिकी नर्सरियों पर उत्पादित प्रमाणित सब्जी बीजों की विक्रय दरें 1100 रुपए प्रतिकिलो तय कर रखी थीं, लेकिन उद्यानिकी ने खरीफ प्याज बीज 2300 रुपए प्रतिकिलो खरीदा था।
नए आदेश के अनुसार कल्पना श्रीवास्तव मुख्य सचिव मध्य प्रदेश शासन उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग को अस्थाई रूप से आगामी आदेश तक स्थानापन्न रूप से मुख्य सचिव मध्य प्रदेश शासन पदस्थ किया गया है। जबकि जे.एन. कांसौटिया अपर मुख्य सचिव मध्य प्रदेश शासन पशुपालन विभाग को अपने वर्तमान कर्तव्यों के साथ-साथ अस्थाई रूप से आगामी आदेश तक अपर मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग का प्रभार अतिरिक्त रूप से सौंपा गया है।
मनोज कुमार अग्रवाल आयुक्त सह संचालक उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मध्य प्रदेश की सेवाएं तत्काल प्रभाव से वन विभाग को लौटा दी गई हैं। उनकी जगह डॉ रमेश कुमार आयुक्त सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन कल्याण मध्य प्रदेश को अपने वर्तमान कर्तव्यों के साथ-साथ अस्थाई रूप से आगामी आदेश तक आयुक्त सह संचालक उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मध्य प्रदेश का प्रभार अतिरिक्त रूप से सौंप दिया गया।
इस कार्रवाई पर विपक्ष ने सवाल किया
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा की गई कार्रवाई पर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने ट्वीट करते हुए प्रदेश की शिवराज सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि ‘अजब और गज़ब मध्यप्रदेश @ChouhanShivraj का। जिस प्रमुख सचिव ने प्याज घोटाला उजागर किया, उसी को विभाग से हटा दिया...गज़ब है। शिवराज जी आप क्या संदेश देना चाहते हैं, वो अब दिख रहा है। अब चुप रहने का समय भी ख़त्म हो रहा है।'
अजब और गज़ब मध्यप्रदेश @ChouhanShivraj का।
जिस प्रमुख सचिव ने प्याज घोटाला उजागर किया, उसी को विभाग से हटा दिया...गज़ब है।
शिवराज जी आप क्या संदेश देना चाहते हैं, वो अब दिख रहा है। अब चुप रहने का समय भी ख़त्म हो रहा है। @digvijaya_28 @OfficeOfKNath @INCMP— Vivek Tankha (@VTankha) December 18, 2021
यह है पूरा मामला
प्रदेश सरकार ने उद्यानिकी नर्सरियों पर उत्पादित प्रमाणित सब्जी बीजों की विक्रय दरें 1100 रुपए प्रतिकिलो तय कर रखी थी। लेकिन उद्यानिकी ने खरीफ प्याज बीज 2300 रु. प्रतिकिलो खरीद लिया। एमपी एग्रो की जगह दूसरी संस्थाओं से खरीदी की गई। इस जांच के शुरू होने के बाद निलंबित सहायक संचालक एमपीएस बुंदेला का कमिश्नर मनोज अग्रवाल से कक्ष में विवाद हो गया। बुंदेला ने कमिश्नर को यह कह दिया कि प्याज घोटाले में जेल पहुंचा दूंगा। इस विवाद के एक घंटे बाद बुंदेला की बहाली कर दी गई थी।
शिकायतों का लंबा दौर चला
विभाग के उच्च अधिकारियों ने नियमों को दरकिनार कर खरीदी की थी। इसकी शिकायत उद्यानिकी मंत्री भारत सिंह कुशवाह और प्रमुख सचिव कल्पना श्रीवास्तव से की गई थी। राष्ट्रीय बागवानी मिशन में 30 मार्च 2021 से ही खरीफ प्याज पहली बार शामिल किया गया था। दो करोड़ रुपए में 90 क्विटंल प्याज बीज की खरीदी की गई थी।
इस मुद्दे पर मीडिया ने जब आरोपी अधिकारी मनोज अग्रवाल से बात की थी, तो उन्होंने ये तर्क दिया था। ‘काजू 2000 रुपए किलो मिलता है और टुकड़े वाले 200 में मिल जाता है। अच्छी क्वालिटी का प्याज बीज खरीदा है। विभाग ने 2300 रुपए तय किए हैं। ये जरूरी नहीं कि 1100 रुपए किलो में ही खरीदें।‘
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