Bhopal. मध्यप्रदेश में नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्ष बनने की उम्र 25 साल से घटाकर 21 साल किए जाने की तैयारी की जा रही है। राज्य सरकार इसके लिए जल्द ही नियमों में संशोधन के लिए एक अध्यादेश लेकर आ रही है। अध्यादेश का प्रस्ताव नगरीय आवास एवं विकास विभाग के मंत्री भूपेंद्र सिंह को मंजूरी के लिए भेजा गया है। माना जा रहा है कि अगले हफ्ते इसकी अधिसूचना जारी हो जाएगी।
क्यों लाना पड़ रहा संशोधन अध्यादेश ?
राज्य सरकार द्वारा मई माह में लाए गए नगरपालिका अधिनियम संशोधन विधेयक में नगर पालिका अध्यक्ष और नगर परिषद अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से ना कराए जाने की व्यवस्था तो बदल दी गई, लेकिन अध्यक्ष बनने की उम्र को नहीं घटाया गया। इसकी वजह से हालात ये बन गए कि नगर पालिका और नगर परिषद में पार्षद की उम्र 21 साल रखी गई, लेकिन अध्यक्ष बनने की उम्र में संशोधन नहीं किया गया। नगर पालिका अधिनियम 1961 में पार्षद के चयन की न्यूनतम उम्र 21 साल है जबकि अध्यक्ष के लिए 25 साल है। हालांकि, ये व्यवस्था पहले से चली आ रही है, लेकिन पूर्व में नगर पालिका अध्यक्ष और परिषद अध्यक्ष के चुनाव सीधे हुआ करते थे। नगर पालिका अधिनियम में संशोधन के बाद अब अध्यक्ष की न्यूनतम उम्र में भी संशोधन की तैयारी की जा रही है।
अध्यादेश के माध्यम से बदलाव की तैयारी
नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्ष चुनने की न्यूनतम उम्र में बदलाव करने के लिए नगरीय प्रशासन विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह के पास मंजूरी के लिए भेजा है। फिलहाल मंत्री सागर प्रवास पर हैं। हालांकि 25 जुलाई से मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र बुलाया जा रहा है, लेकिन उसके पहले ही 18 जुलाई को नगरीय निकाय चुनाव की पूरी प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी और इस वजह से विधेयक लाने का कोई मतलब नहीं निकलेगा। इस वजह से सरकार अध्यादेश के माध्यम से इसमें बदलाव करने की तैयारी कर रही है।