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गुना. मध्य प्रदेश के गुना में 13 वर्ष की बालिका से बलात्कार के मामले में आरोपी को कोर्ट ने 20 वर्ष की सजा सुनाई है। इस मामले में पीड़ित, उसके माता, पिता सहित अन्य परिजन कोर्ट में बयानों मुकर गए थे, लेकिन डीएनए रिपोर्ट ने पूरे मामले को सामने ला दिया। इसी आधार पर अंतिम सुनवाई करते हुए स्पेशल जज वर्षा शर्मा ने टिप्पणी भी है। कोर्ट ने कहा कि बयानों से मुकर जाने के कारण न्याय व्यवस्था का मजाक नहीं बनाया जा सकता।
परिजन घटना से मुकर गए : बताया गया है कि गुना के आरोन इलाके में रहने वाले दम्पति मजदूरी के लिए जयपुर चले गए। इस दौरान उन्होने अपनी 13 वर्षीय बच्ची को नाना-नानी के घर पर छोड़ दिया। 18 नवम्बर 2020 की रात बालिका घर के आंगन में सो रही थी। तभी गांव का ब्रजेश बंजारा आया और बालिका का अपहरण कर सूनसान स्थान पर ले गया। जहां पर उसके साथ रेप किया। बालिका घर पहुंची और परिजनों को घटना के बारे में बताया। इसके बाद थाना पहुंचकर पुलिस को जानकारी दी। पुलिस ने मामले में प्रकरण दर्ज कर आरोपी को हिरासत में ले लिया। थाना व न्यायालय में पीडि़ता व परिजनों ने घटना कबूल की थी। बाद में मुख्य परीक्षण में विशेष न्यायाधीश वर्षा शर्मा के सामने पीडि़ता व उसके परिजन घटनाक्रम से मुकर गए। यहां तक कि बालिका ने कह दिया कि उसके साथ कोई घटना नही हुई है। उसने आरोपी को भी पहचाने से इंकार कर दिया।
कोर्ट ने फैसले में ये कहा : जांच अधिकारी के अनुसार मेडिकल के दौरान बालिका सेम्पल डीएनए के लिए भेजा गया। सागर लैब से आई रिपोर्ट मैच हो गई। इसी आधार पर कोर्ट ने फैसला सुनाया। न्यायालय ने पूर्व के निर्णय को आधार बनाते हुए गंभीर टिप्पणी करते हुए फैसले में लिखा एक अपराधिक मुकदमे में न्याय व्यवस्था गंभीर मामला है। इसे केबल मुख्य अभियोजन पक्ष के गवाहों के मुकर जाने की अनुमति देकर मजाक बनने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। इसके बाद न्यायालय ने आरोपी ब्रजेश बंजारा को दो धाराओं में 20-20 साल व दो धाराओं में 3-3 साल की सजा सुनाई। कोर्ट ने पीडि़ता को भविष्य में ऐसा न करने की चेतावनी दी है।