ग्वालियर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (मध्यभारत प्रांत) का 4 दिवसीय स्वर साधक संगम (घोष शिविर) 25 नवंबर से होना है। यह ग्वालियर के केदारधाम परिसर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित होगा। यहां आकर्षण का केंद्र ऐतिहासिक घोष प्रदर्शनी (Ghosh Exibition) रहेगी। प्रदर्शनी का उद्घाटन 25 नवंबर को सुबह 10.30 बजे मध्य भारत प्रांत के संघचालक अशोक पांडे करेंगे।
ऐसी होगी प्रदर्शनी
ग्वालियर विभाग संघचालक विजय गुप्ता ने बताया कि इस प्रदर्शनी में 4 श्रेणियां होंगी। इसमें परंपरागत और प्राचीन वाद्य यंत्रों का प्रदर्शन होगा। इस ऐतिहासिक प्रदर्शनी में घोष की इतिहास यात्रा को LED के जरिए डिजिटल प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस प्रदर्शनी में भारत के संगीत के इतिहास में वादकों (Instrumentalists) एवं गायकों (Singers) का योगदान, उनके जीवन परिचय और परंपरागत-दुर्लभ वाद्य यंत्रों का 40 स्लाइड में तस्वीरों के जरिए प्रदर्शन होगा। यह प्रदर्शनी 25 से 28 नवंबर तक चलेगी, जो आम लोगों के लिए खुली रहेगी। प्रदर्शनी के इतिहास के बारे में बताने के लिए स्वयंसेवक और एक्सपर्ट्स पूरे समय मौजूद रहेंगे।
25 को होगा घोष शिविर का उद्घाटन
विभाग संघचालक गुप्ता ने ये भी बताया कि घोष शिविर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत का भी मार्गदर्शन प्राप्त होगा। भागवत 26 नवंबर को ग्वालियर आएंगे और 28 नवंबर तक शिविर में रहेंगे। शिविर में अखिल भारतीय शारीरिक प्रमुख सुनील कुलकर्णी और अखिल भारतीय सह शारीरिक प्रमुख जगदीश पूरे समय मौजूद रहेंगे।
26 को पथ संचलन
घोष वादकों का पथ संचलन 26 नवंबर को निकाला जाएगा। इसमें प्रांत के 31 जिलों के 550 घोष वादक शामिल होंगे। 26 नवंबर को सभी लोग फूलबाग स्थित वीरांगना लक्ष्मीबाई समाधि स्थल पर जुटेंगे। यहां से पथ संचलन शुरू कर शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए जीवाईएमसी मैदान पर खत्म होगा।
यह है वाद्य यंत्रों का इतिहास
- दिलरुबा- 100 साल