मेरी पत्नी का प्राइवेट पार्ट पुरुष का, उसके साथ कैसे रहूं- पति की SC में याचिका

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Atul Tiwari
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मेरी पत्नी का प्राइवेट पार्ट पुरुष का, उसके साथ कैसे रहूं- पति की SC में याचिका

ग्वालियर. यहां एक अनोखा मामला सामने आया है। एक पति ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी मर्दाना पत्नी को लेकर याचिका दायर कर न्याय मांगा है। पति का कहना है कि उसकी पत्नी मेल (पुरुष) है। मेरे ससुर ने ही धोखा देकर मेरी शादी करा दी। पत्नी का प्राइवेट पार्ट पुरुष का है। मैं उसके साथ कैसे रह सकता हूं? मेरी पत्नी और ससुर पर केस चलाया जाए। सुप्रीम कोर्ट इस पिटीशन पर विचार करने के लिए तैयार हो गया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता की पत्नी, ससुर और मध्यप्रदेश पुलिस को नोटिस जारी कर 6 हफ्ते में जवाब मांगा है।





महिला के जननांग डेवलप नहीं: ग्वालियर के इस व्यक्ति ने कोर्ट में मेडिकल रिपोर्ट भी पेश की है। इसमें बताया कि उसकी पत्नी के हाइमन (महिला जननांग) डेवलप नहीं है। याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट एनके मोदी सुप्रीम कोर्ट में पैरवी कर रहे हैं। उन्होंने जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एमएम सुंदरेश की बेंच को बताया कि यह आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत अपराध है। यह ऐसा मामला है, जहां याचिकाकर्ता को पुरुष से शादी कराकर ठगा गया। पत्नी निश्चित रूप से प्राइवेट पार्ट के बारे में जानती थी।





हाईकोर्ट के फैसले को शीर्ष कोर्ट में चुनौती: इस मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट बेंच ने जून 2021 में फैसला दिया था। इसमें ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के आदेश को रद्द कर दिया था। इसमें धोखाधड़ी के आरोप को नोटिस में लेने के बाद पत्नी को समन जारी किया गया था। एडवोकेट मोदी ने कोर्ट में कहा कि यह दिखाने के लिए पर्याप्त मेडिकल साक्ष्य हैं कि एक अपूर्ण (Undeveloped) हाइमन के कारण पत्नी को महिला नहीं कहा जा सकता। मामले में शीर्ष अदालत ने पूछा कि क्या आप कह सकते हैं कि वह महिला नहीं है, क्योंकि एक अपूर्ण हाइमन है। जबकि मेडिकल रिपोर्ट में कहा गया है कि उसके अंडाशय (ovary) सामान्य हैं।





जब प्राइवेट पार्ट पुरुष का, तो महिला कैसे?: कोर्ट के सवाल पर एडवोकेट मोदी ने बताया कि पत्नी के पास ना केवल एक हाइमन है, बल्कि एक प्राइवेट पार्ट पुरुष का भी है। मेडिकल रिपोर्ट कहती है कि जब लिंग है तो वह महिला कैसे हो सकती है। SC बेंच ने तब एडवोकेट से पूछा- आपका मुवक्किल वास्तव में क्या चाहता है? इस पर एडवोकेट ने कहा कि केस चलाया जाए। पत्नी और उसके पिता को धोखा देने और व्यक्ति जीवन बर्बाद करने के लिए कानून के तहत नतीजे भुगतने चाहिए।





2016 में HC में लगाया था केस: पीड़ित व्यक्ति ने दावा किया कि 2016 में शादी के बाद उन्होंने पाया कि पत्नी के पास पुरुष जननांग (प्राइवेट पार्ट) है, इसलिए वह (पति) पत्नी के साथ फिजिकल रिलेशन बनाने में अक्षम है। अगस्त 2017 में व्यक्ति ने पत्नी और उसके पिता के खिलाफ FIR करने के लिए मजिस्ट्रेट को आवेदन दिया था। उधर पत्नी ने पति के खिलाफ 498ए (क्रूरता) के तहत दहेज का मामला भी दर्ज कराया। ग्वालियर के मजिस्ट्रेट ने मई 2019 में पत्नी के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप का संज्ञान लिया।





पहली पत्नी के पिता ने ही कराई थी दूसरी शादी: याचिकाकर्ता की पहली पत्नी की बीमारी से मौत हो गई थी। पहली पत्नी से उसके दो बच्चे हैं। इनकी देखभाल के लिए वह दूसरी शादी करना चाहता था, इसलिए पहली पत्नी के पिता ही ये रिश्ता लेकर आए थे। शादी के बाद पता चला कि जिससे उसकी दूसरी शादी हुई वह महिला नहीं, पुरुष है। इसके बाद शादी को शून्य घोषित करने के लिए फैमिली कोर्ट में आवेदन किया था।



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