बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ लगी याचिका खारिज, जज ने पिटीशन को जनहित का नहीं माना

author-image
Sootr Desk rajput
एडिट
New Update
बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ लगी याचिका खारिज,  जज ने पिटीशन को जनहित का नहीं माना

जबलपुर. प्रदेश के विभिन्न शहरों में अपराधियों के मकानों पर राज्य सरकार के आदेश पर प्रशासन बुलडोजर चला रहा है। मामले में सरकार का तर्क है कि बदमाशों के अवैध कब्जे हटाए जा रहे हैं। राज्य सरकार के इस कदम के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। जिसपर सुनवाई करते हुए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ और जस्टिस पी के कौरव ने इस मुददे को जनहित का नहीं मानते हुए याचिका को खारिज कर दिया।









याचिका में दी गई दलील





वकील अमिताभ गुप्ता की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में आपराधिक प्रकरण दर्ज होने पर आरोपियों का घर तोड़ने की कार्रवाई पुलिस और प्रशासन कर रही है। याचिका के साथ इंदौर, भोपाल, उज्जैन, खरगौन सहित अन्य जिलों की कार्रवाई के संबंध में अखबारों में प्रकाशित खबरों की प्रतियां पेश की गईं थी। याचिका में कहा गया था कि बिना सुनवाई का अवसर दिए आपराधिक प्रकरण दर्ज होने पर आरोपियों के घरों को बुल्डोजर से गिराने की कार्रवाई अवैधानिक है।









अवैध निर्माण पर कार्रवाई की दुहाई





याचिका में कहा गया था कि इस तरह की कार्रवाई से लोगों के मन में भय उत्पन्न होता है। अतिरिक्त महाधिवक्ता आशीष आनंद बर्नाड ने बताया कि याचिका की सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया कि प्रशासन ने अवैध निर्माण पर कार्रवाई की है. याचिकाकर्ता ने सिर्फ अखबारों में प्रकाशित खबरों के आधार पर याचिका दायर की है। कार्रवाई के खिलाफ संबंधित पक्ष ने किसी प्रकार की कोई याचिका दायर नहीं की। युगलपीठ ने उठाए गए मुददे की सुनवाई जनहित का नहीं माना।



Madhya Pradesh News in Hindi bulldozer action in Madhya Pradesh सीएम शिवराज मामा का बुलडोजर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट हाई कोर्ट जबलपुर की खबरें Madhya Pradesh हाई कोर्ट में बुलडोजर संबंधी याचिका खारिज अपराधियों के मकान तोड़ने के खिलाफ याचिका अपराधियों के मकान तोड़े Bulldozer at criminals house bulldozer on criminals house petition of bulldozer action