BHOPAL. मध्य प्रदेश के कई इलाकों में 21 अगस्त (रविवार) की रात से भारी बारिश हो रही है। मौसम विभाग के मुताबिक, सोमवार यानी 22 अगस्त को बारिश से राहत मिलने के आसार नहीं है। भोपाल और उज्जैन में अति भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
मौसम विभाग का आकलन
भोपाल के मौसम वैज्ञानिक एके शुक्ला ने द सूत्र को बताया कि सागर से 50 किमी उत्तर में डिप्रेशन बना हुआ है। यह उत्तर और पश्चिमोत्तर की ओर बढ़ेगा यानी कल (23 अगस्त को) राजस्थान की तरफ बढ़ जाएगा और अति कम दबाव के क्षेत्र में बदल जाएगा यानी धीमा पड़ जाएगा। 22 अगस्त को भोपाल संभाग, उज्जैन संभाग, इंदौर और ग्वालियर संभाग के कुछ हिस्से में भारी बारिश की संभावना है। भोपाल और उज्जैन संभाग में अति भारी बारिश की संभावना है। भोपाल में 22 अगस्त की सुबह 8.30 बजे तक 19 सेमी बारिश हो चुकी है। इसके बाद साढ़े 11.30 तक साढ़े चार सेमी और बारिश दर्ज गई। भोपाल में इस सीजन अब तक 56 इंच से ज्यादा (140 सेमी) बारिश हो चुकी है। शहर में बारिश का कोटा 42 इंच (105 सेमी) है।
भोपाल के हालात
32 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही है। कलेक्टर ने 22 अगस्त को स्कूलों की घुट्टी घोषित कर दी। तरुण पुष्कर के पास बाइक सवार पर पेड़ गिर गया। हादसे में युवक की मौके पर ही मौत हो गई। मृतक की पहचान साउथ टीटी नगर निवासी अकबर के रूप में हुई है। शहर में 200 से ज्यादा पेड़ गिर गए। कई रास्ते बंद हैं, जिससे ट्रैफिक रेंग रहा है। भोपाल शहर में 21 अगस्त की रात से ही बिजली गुल है।
कलियासोत डैम के 7, भदभदा के 5 और केरवा डैम के 5 गेट खोल दिए गए हैं। बड़ा तालाब के बोट क्लब में खड़ा क्रूज लेक प्रिंसेस एक मंजिला डूब गया। कर्मचारियों ने रस्सी की मदद से उसे सुरक्षित किया।
भोपाल पानी-पानी
राजधानी के कोलार इलाके में सबसे ज्यादा पानी भरा हुआ है। ललिता नगर और नयापुरा की 50 से ज्यादा दुकानों पर एक से दो फीट तक पानी भर गया। बावड़िया कलां, दानिश कुंज, मंदाकिनी, शाहपुरा, करौंद, भानपुर, शिवनगर छाेला, ऐशबाग, चांदबड़ बजरिया, अशोका गार्डन, टीला जमालपुरा, महामाई का बाग, जगदीशपुर, इस्लामनगर, ईंटखेड़ी, पटेल नगर, आनंद नगर, मिसरोद, बागसेवनिया, बाग मुगलिया, दानिश नगर, अरेरा कॉलोनी, नेहरू नगर, गोमती कॉलोनी, इंद्रपुरी, आकृति इको ग्रीन सिटी, नीलबबड़, रातीबड़ समेत 200 से ज्यादा कॉलोनियों में घरों में पानी घुस गया है। कई लोग दूसरी जगह शिफ्ट हो रहे हैं।
रीवा में निकली रही चटक धूप, आधी भी नहीं हुई बारिश
एक तरफ भोपाल, इंदौर, उज्जैन व जबलपुर संभागों में भारी बारिश का दौर बीते दो दिनों से बदस्तूर चल रहा है। दूसरी तरफ प्रदेश का विंध्य अंचल अभी भी पानी के लिए तरस रहा है। 22 अगस्त को प्रदेश के बड़े हिस्से में बारिश के कारण भयावह स्थिति बन गई है। सारे शहरों की सड़कें जलमग्न हैं और बीते तीन दिनों से लोगों को सूर्य देव के दर्शन तक नहीं हुए हैं। दूसरी तरफ रीवा में सोमवार (22 अगस्त) को भी चटक धूप निकली रही। लोग गर्मी से परेशान रहे। दिन में बारिश हुई भी तो बौछारों की स्थिति रही। इससे लोगों को दूसरे शहरों में बन रही बाढ़ की स्थिति की खबरें भी अजीब लगती रहीं।
लगभग यही स्थिति विंध्य अंचल के अन्य शहरों की भी बनी हुई है। विंध्य और बुंदेलखंड के अधिकांश जिलों में मानसून का कोटा अभी तक आधा भी नहीं हुआ है। पिछले साल आज की तारीख यानी 22 अगस्त तक रीवा में 800 मिमी से अधिक बारिश हो चुकी थी तो इस बार कुल बारिश 450 मिमी भी नहीं हो सकी है। विंध्य के ग्रामीण क्षेत्रों में भी बुरे हाल हैं। खेती-किसानी पर भी बारिश न होने के कारण असर पड़ा है।