MP हाईकोर्ट की टिप्पणी: लड़कियां सिर्फ मौज मस्ती के लिए किसी से भी संबंध नहीं बना लेती

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MP हाईकोर्ट की टिप्पणी: लड़कियां सिर्फ मौज मस्ती के लिए किसी से भी संबंध नहीं बना लेती

इंदौर. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (mp highcourt) की इंदौर खंडपीठ ने एक मामले की सुनवाई में अहम टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने कहा कि भारतीय समाज इतना एडवांस नहीं हुआ है कि लड़कियां केवल मौज-मस्ती के लिए किसी से भी संबंध बना लें। अदालत ने रेप के एक मामले की सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की है।

युवती की सहमति से संबंध का तर्क गलत- अदालत

उज्जैन (ujjain) के अभिषेक चौहान पर दुष्कर्म (rape) का आरोप है। उन्होंने इसके खिलाफ इंदौर हाईकोर्ट (indore highcourt) में जमानत याचिका लगाई थी। 3 अगस्त 2021 को मामले की सुनवाई कोर्ट में हुई। सुनवाई में जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की बेंच ने कहा कि अमूमन देखा गया है कि इस तरह के मामलों में आरोपी तर्क देता है कि युवती की सहमति से संबंध (relation) बनाए थे। इसके बाद आरोपी को जमानत मिल जाती है। अदालत (court) ने आरोपी अभिषेक की जमानत याचिका खारिज कर दी है। 

उज्जैन के मामले पर हाईकोर्ट की टिप्पणी

2018 में उज्जैन के अभिषेक चौहान ने मुस्लिम लड़की से शादी की थी। कुछ समय बाद आरोपी ने लड़की को छोड़ दिया था। जिसके बाद युवती ने अभिषेक के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। उसी की सुनवाई में कोर्ट ने यह अहम टिप्पणी की है। 

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