BHOPAL. मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने प्रदेश के अलग-अलग जिलों के मामलों में संज्ञान लेते हुए संबंधितों से जवाब मांगा है। मानव अधिकार आयोग के सदस्य मनोहर ममतानी और राजीव कुमार टंडन ने भोपाल, गुना, खंडवा, भिंड, सागर, टीकमगढ़, शहडोल और बैतूल के मामलों में संबंधितों से जवाब मांगा है। इसके लिए सभी मामलों में अलग-अलग वक्त दिया गया है।
भोपाल में 32 साल की महिला प्रताड़ना की शिकार
भोपाल के हनुमानगंज इलाके में रहने वाली 32 साल की महिला इन दिनों हनुमानगंज थाना पुलिस से प्रताड़ित हो रही है। महिला का आरोप है कि एक आरोपी ने दीपावली की रात उसके घर के बाहर आकर उसके बाल पकड़कर उसे सड़क पर घसीटकर कपड़े फाड़ दिए और जब इसकी शिकायत पुलिस को की तो पुलिस ने छेड़खानी की धारा न लगाकर आरोपी पर मेहरबानी दिखाकर मामूली धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली। अब महिला ने सीएम हेल्पलाइन में इस पूरे घटनाक्रम की शिकायत की है। हनुमानगंज के टीआई इस पूरे मामले में उसे थाने बुलाकर सीएम हेल्पलाइन से शिकायत वापस लेने लिए दबाव बना रहे हैं। मामले में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर पुलिस आयुक्त भोपाल से 2 हफ्ते में जवाब मांगा है।
गुना में किडनैप की गई दलित लड़की मृत मिली
गुना में कक्षा 11वीं की एक दलित छात्रा का अपहरण होने के 5 दिन बाद मृत पाई गई। लड़की के परिजन ने उसके अपहरण और बलात्कार का आरोप लगाते हुये न्याय की गुहार लगाई है। मामले में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर गुना के पुलिस अधीक्षक गुना से 1 हफ्ते में जवाब मांगा है।
खंडवा में जननी एक्सप्रेस की लापरवाही, सड़क पर हुआ प्रसव
खंडवा में हरसूद तहसील के रामजीपुरा गांव में प्रसव पीड़ा के तड़प रही। एक गर्भवती ने जननी एक्सप्रेस के नहीं पहुंचने पर सड़क पर ही नवजात को जन्म दे दिया। इसके बाद में महिला और उसके बच्चे को जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां दोनों भर्ती हैं। मामले में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर खंडवा कलेक्टर से 1 महीने में जवाब मांगा है।
भिंड में युवकों का मुंडन कर जूतों की माला पहनाकर घुमाया
भिंड के दर्बोहा गांव में तालिबानी सजा देने का मामला सामने आया है। यहां एक दलित परिवार के दो युवकों का मुंडन कर जूतों की माला पहनाकर गांवभर में घुमाने की घटना सामने आई है। पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुराने विवाद में राजीनामा करने के लिए युवकों को घर पर बुलाया था और उसके बाद मुंडन कराकर उनके साथ इस घटना को अंजाम दिया है। जानकारी लगने पर पुलिस गांव पहुंची और पीड़ितों को थाने लिए लाकर उनकी शिकायत पर आईपीसी और एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले का जांच कर रही है। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर भिंड के पुलिस अधीक्षक से 1 महीने में जवाब मांगा है।
आदिवासी सरपंच को बैठने के लिए कुर्सी नहीं देता सचिव
सागर में बीना जनपद के करोंदा ग्राम के आदिवासी सरपंच को बैठने के लिए सचिव कुर्सी नहीं देता है और अभद्रता करता है। अब पीड़ित सरपंच शिकायत पुलिस में की है। मामले का वीडियो भी वायरल हुआ है जिसमे सचिव टेबल पर पैर फैलाकर बैठा दिख रहा है। प्रभारी जनपद सीईओ मीना कश्यप ने कहा कि वीडियो देखने के बाद सचिव के खिलाफ कार्रवाई करने का प्रस्ताव जिला पंचायत सीईओ को भेजा है। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर सागर कलेक्टर से 1 महीने में जवाब मांगा है।
टीकमगढ़ में छात्र की रैगिंग, पीटा और गंदे पानी में मुर्गा बनाया
टीकमगढ़ के सरोज कॉन्वेंट प्राइवेट स्कूल के 9वीं के एक छात्र से रैगिंग का मामला सामने आया है। छात्र को सीनियर स्टूडेंट्स ने बुरी तरह पीटा। इसके बाद गंदे पानी से भरे गड्ढे में उसे मुर्गा बना दिया। सीनियर स्टूडेंट्स ने पीड़ित को जान से मारने की धमकी भी दी। मारपीट का वीडियो सामने आया है। रैगिंग की घटना से डरे छात्र ने स्कूल जाना तक बंद कर दिया। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर टीकमगढ़ के पुलिस अधीक्षक से 1 महीने में जवाब मांगा है।
शहडोल में शिक्षक ने छात्र को डंडे से पीटा
शहडोल के जयसिंहनगर थाना क्षेत्र में कुबरा हाई स्कूल के एक शिक्षक मामूली बात पर छात्र की बेरहमी से पिटाई कर दी। छात्र के शरीर पर निशान बन गए। इसके बाद छात्र के परिजन ने मामले की शिकायत कलेक्टर और एसपी से की। जानकारी के अनुसार जयसिंहनगर थाना क्षेत्र के कुबरा गांव के 16 साल का छात्र जो 9वीं कक्षा में पढ़ता है। खेल के दौरान दूसरे छात्र पर मिट्टी डालने पर प्रभारी प्राचार्य शिव कुमार तिवारी ने उसकी बेरहमी से पिटाई कर दी। मामले में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर शहडोल के पुलिस अधीक्षक से 1 महीने में जवाब मांगा है।
बैतूल में दलित युवक के साथ पुलिस ने की मारपीट
बैतूल के बाबूधाना गांव के मनोहर नागले ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उसके साथ मारपीट की और उसकी शिकायत नहीं लिखी गई। मामले में पुलिस का कहना था कि संबंधित व्यक्ति पर लगभग 22 मामले दर्ज हैं। इस कारण वो झूठा आरोप पुलिस पर लगा रहा है। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर हुए बैतूल के पुलिस अधीक्षक से 1 महीने में जवाब मांगा है।