हरीश दिवेकर, BHOPAL. सरकार में घुटन महसूस कर रहे आईएएस जगदीश जटिया (IAS Jagdish Jatiya) ने आखिरकार सरकार से स्वैच्छिक सेवा निर्वृति मांग ही ली। वैसे जटिया इसी साल अक्टूबर में रिटायर (Retired) हो रहे हैं। इसके बावजूद उन्होंने वीआरएस (VRS) के लिए आवेदन किया है। नियमानुसार वीआरएस के लिए 3 माह का नोटिस देना होता है। ऐसे में यदि सरकार उनके नोटिस पीरियड को पूरा मानती है तो उन्हें सितंबर में स्वैच्छिक सेवा निर्वृति मिलेगी। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर रिटायरमेंट से एक माह पहले जटिया क्यों स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेना चाहते हैं। सूत्रों का कहना है कि तत्कालीन कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Sarkar) में मंडला कलेक्टर (Mandla Collector) रहते हुए जटिया ने नागरिकता संशोधन कानून 2019 (CAA) का विरोध किया था। यही जटिया को भारी पड़ गया।
अब में आजाद होना चाहता हूं- IAS जटिया
कमलनाथ की सरकार गिरने के बाद सत्ता में आते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जटिया को लूप लाइन में पदस्थ कर दिया। वर्तमान में जटिया श्रम विभाग में उप सचिव के पद पर पदस्थ हैं। सूत्रों का कहना है कि सरकार की उन पर वक्र दृष्टी होने के कारण श्रम विभाग के प्रमुख सचिव सचिन सिन्हा (Principal Secretary Sachin Sinha) भी उनसे खासे नाराज रहते हैं। उनकी प्रमुख सचिव से नहीं बनती है। हालांकि आईएएस जटिया ने द सूत्र से बात करते हुए कहा कि नाराजगी वाली कोई बात नहीं है। लेकिन उन्होंने कहा कि नौकरी बहुत कर ली, अब आजाद होना चाहता हूं।
जीएडी उप सचिव मधु ने भी दिया वीआरएस
सामान्य प्रशासन विभाग (General Administration Department) की उप सचिव मधु नाहर (Madhu Nahar) ने भी स्वैच्छिक सेवा निर्वृति के लिए आवेदन दिया है। बताया जा रहा है कि मधु नाहर ने स्वैच्छिक सेवा निर्वृति का कारण पारिवारिक बताया है। सूत्रों का कहना है कि मधु नाहर ने भी विभाग के अपर मुख्य सचिव विनोद कुमार (Vinod Kumar) के कारण नौकरी छोड़ने का मन बनाया है। अपर मुख्य सचिव विनोद कुमार के कारण अब तक जीएडी विभाग से आधा दर्जन उप सचिव अपना तबादला करवा चुके हैं।
आईएएस वरदमूर्ति ले चुके हैं वीआरएस
एक माह पहले ही आईएएस वरदमूर्ति मिश्रा (Varadamurthy Mishra) ने वीआरएस लिया है, मिश्रा तत्काल नौकरी छोड़ना चाहते थे। उन्होंने इसके लिए तीन माह का वेतन भी जमा करवा दिया था। हालांकि आईएएएस में नौकरी छोड़ने के लिए नोटिस पीरियड पूरा न करने के लिए पैसे जमा कराने की आवश्यकता नहीं है।
केन्द्र ने मांगी थी जटिया की रिपोर्ट
मंडला कलेक्टर रहते हुए जगदीश चंद्र जटिया ने सोशल मीडिया पर CAA का विरोध किया था। उस मामले में केंद्र सरकार ने रिपोर्ट तलब की थी । जटिया ने एसिड अटैक पीड़ित लक्ष्मी पर आधारित फिल्म 'छपाक को मप्र में टैक्स फ्री करने को लेकर फेसबुक प्रोफाइल पर फिल्म का पोस्टर अपलोड करते हुए लिखा था- 'तुम चाहे जितनी घृणा करो, हम देखेंगे छपाक।' इस पर एक मित्र ने टिप्पणी देते हुए लिखा कि जेएनयू के लोग, जो सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहे हैं और कुछ अभिनेता उनका समर्थन। क्या यह सही है, जो हमला हुआ है, उसकी जांच सही तरीके से होना चाहिए।
इसका जवाब देते हुए जटिया ने लिखा था कि उन्हें अपने विवेक का इस्तेमाल करना आता है। वे सीएए, एनआरसी का सपोर्ट नहीं करते। हालांकि, विवाद बढ़ने पर उन्होंने इस पोस्ट को न सिर्फ हटा दिया, बल्कि इस संबंध में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
शिवराज सिंह ने राज्यपाल से की थी कार्रवाई की मांग
उस समय विपक्ष में रहते हुए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने तत्कालीन राज्यपाल लालजी टंडन (Governor Lalji Tandon) को पत्र लिखकर कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने तो जटिया के खिलाफ कुछ किया नहीं था, लेकिन केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय (Union Ministry of Personnel and Training) ने जरूर पत्र लिखकर जवाब मांगा था।