निवाड़ी. बड़ा ओहदा मिलने के बाद भी अपनी संस्कृति और संस्कारों पर कायम रखने वाले निवाड़ी जिले के पृथ्वीपुर एसडीओपी संतोष पटेल (Prithvipur SDOP Santosh Patel) ने यह साबित कर दिया पद प्रतिष्ठा और आधुनिकता से कई गुना ऊपर होती है, किसी भी देश की परंपराएं और संस्कृति। इस आधुनिकता के दौर में जब लोग अपनी परंपराएं (Traditions) छोड़ शादी (Wedding) विवाह में पाश्चात्य संस्कृति का अंधानुकरण कर रहे हैं, इस दौर में एसडीओपी ने अपनी शादी में हिन्दू (Hindu) संस्कृति (Culture) में हजारों वर्ष से चली आ रही वैवाहिक परंपराओं का पालन किया। सिर खजूर के पेड़ के पत्तों का मौर भारतीय परिधान में जहां दूल्हा सजा हुआ था, तो दुल्हन ने भी ठेट भारतीय सीधे पल्ले की चुनरी पहन रखी थी। दूल्हा-दुल्हन को आने-जाने में भी मोटर गाड़ी का नहीं पालकी का ही प्रयोग किया गया। इस अनूठी शादी में लोगों को हजारों वर्ष पुरानी संस्कृति के दर्शन हो रहे थे।
बुंदेली परंपराओं को जीवंत किया
आमतौर पर आजकल शादियों में खासे इंतजाम होते हैं। खूब चकाचौध और आधुनिकता से लवरेज व्यवस्थाएं और आलीशान होटल खूब सारी सजावट स्टेटस सिंबल बन गया है। ऐसे में शादियों में लोग लाखों रुपये खर्च करते है। आधुनिकता के बीच जो जितना बड़ा आदमी, उसका इंतजाम उतना बड़ा इंतजाम होता है। वही इन सबके बीच पुरातन संस्कृति कही खो सी गई है। ऐसे में अफसरों की शादी के तो क्या कहने... लेकिन बुन्देलखण्ड के पन्ना जिले में जन्में निवाड़ी जिले के पृथ्वीपुर एसडीओपी संतोष पटेल की शादी आधुनिकता और दिखावे से एकदम उलट थी। उन्होंने अपने विवाह समारोह में बुंदेली परंपराओं को जीवंत रखा। उनमें बुंदेली दूल्हे की झलक देखने को मिल रही थी। यह दूल्हा आलीशान सहरा नहीं, बल्कि खजूर का मुकुट लगाए हुए था।
आधुनिकता के बीच सादगी
पुरातन परंपरा के साथ सादगी भरे विवाह उत्सव में जब दूल्हा-दुल्हन को हाथे लगवाने के लिए सपरिवार ले गया, तो पर्यावरण प्रदूषण से मुक्त वाहन साइकिल पर एसडीओपी साहब की दुल्हन उनके साथ सवार थी। आधुनिकता के बीच सादा तरीके से बुंदेली रीति-रिवाजों के बीच की गई। यह शादी समारोह अब लोगों के लिए चर्चा का विषय बन गई है क्योंकि आमतौर पर बड़े अधिकारियों की शादियों में खूब तामझाम देखने को मिलता हैं। ऐसे में पुलिस अधिकारी की यह शादी लोगो को यह प्रेरणा देती है कि हिंदू संस्कृति और हजारों वर्ष पुरानी परंपरा के बीच में शादी को किस तरह कम खर्च में उत्सव की तरह किया जा सकता है।
संतोष पटेल का बुंदेली संबंध
मालूम हो कि निवाड़ी जिले के पृथ्वीपुर में पदस्थ एसडीओपी संतोष पटेल जो मूल रूप से पन्ना जिले के अजयगढ़ के देव गांव के रहने वाले हैं। उनका विवाह 29 नवंबर को चंदला की गहरावन गांव में रोशनी के साथ हुआ है। ऐसे में वैवाहिक समारोह में निभाई गई पुरातन रीति अब लोगों के बीच चर्चा और हर्ष का विषय बना हुआ है। इसे एसडीओपी ने भी अपनी फेसबुक बोल के जरिए साझा किया है।
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