इंदौर. करीब 50 साल पुरानी श्री छत्रपति शिवाजी साख सहकारी संस्था में संचालक मंडल वित्तीय गड़बड़ी का मामला सामने आया है। इसके करीब 9 हजार सदस्य (Members) हैं। संस्था में जमा सदस्यों के 4.5 करोड़ रु. डिफॉल्टर रही पंजाब एंड महाराष्ट्र सहकारी कोऑपरेटिव बैंक में डिपोजिट (Deposit) करा दिए। इस बैंक के भुगतानों पर रिजर्व बैंक (RBI) ने रोक लगा दी है। इसके चलते शिवाजी संस्था के भी करोड़ों अटक गए हैं।
अन्य बैंकों में 11 करोड़ जमा करा दिए
ऐसे ही शिवाजी संस्था के कर्ताधर्ताओं ने बिना किसी प्रस्ताव के फियकेयर स्माल फाइनेंस बैंक, नागपुर सहकारी बैंक, यश बैंक और कॉसमॉस बैंक में 11 करोड़ से ज्यादा की रकम जमा कर दी। इनमें कॉसमॉस बैंक से भी 1.20 करोड़ वापस नहीं हुए। मामले में सहकारिता विभाग (Cooperative Department) ने जांच में करीब पूरे संचालक मंडल को दोषी पाते हुए नोटिस जारी किया है।
कई शिकायतें मिली थीं
इस मामले में करीब डेढ़ साल से सहकारिता विभाग को शिकायतें मिल रही थी। कई शिकायतें तो सहकारिता मंत्री (Cooperative Minister) तक भी पहुंचीं और जांच के आदेश हुए, लेकिन संस्था से जुड़े अधिकारी जांच टालते रहे। हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने माफियाओं पर कार्रवाई के निर्देश के दिए थे। लिहाजा सहकारिता विभाग में भी हलचल हुई और आनन-फानन में जांच रिपोर्ट पटल पर लाई गई।